summary of the Hindi poem "Kalam Aaj unki jay bol"
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प्रस्तुत कविता में रामधारी सिंह दिनकर जी ने भारत के वीर सपूतों क्रांतिकारियों का गुणगान किया है उन्होंने कहा है की हे कलम उनकी जय बोल जिन्होंने अपनी अस्थियों को जला करके चिंगारी पैदा की और जलते जलते बुझ गए अर्थात लड़ते लड़ते वीर गति को प्राप्त हो गए परन्तु किसी के सामने प्रेम की दया की भीख नहीं मागी।
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