Hindi, asked by qjebqkcy4882, 1 year ago

Summary of the poem jalate chalo ye diye bhar bharke.by dwarika prasad maheswari.

Answers

Answered by mchatterjee
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मन में व्याप्त अंधेरे को शरीर रूपी आत्मा के ज्ञान से मिटा दिया जा सकता है।

प्रतिकुल परिस्थिति में भी आत्मविश्वास को बनाए रखना चाहिए।

अपने संकल्प पर अडिग रहना चाहिए और उस संकल्प को ध्यान में रखकर आगे बढ़ना चाहिए।

मन में प्यार की भावना को हटाना नहीं चाहिए।

स्नेह रूपी प्रदीप जलाने की बात कही गई है।
Answered by DhritiSingh
3

जलाते चलो ये दिये स्नेह भर-भर

कभी तो धरा का अँधेरा मिटेगा।

भले शक्ति विज्ञान में है निहित वह

कि जिससे अमावस बने पूर्णिमा-सी;

मगर विश्व पर आज क्यों दिवस ही में

घिरी आ रही है अमावस निशा-सी।

बिना स्नेह विद्युत-दिये जल रहे जो

बुझाओ इन्हें, यों न पथ मिल सकेगा॥1॥

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