summary of the poem manushyatha class 10th hindi B
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============ HEYA THERE ==================
== HERE IS YOUR ANSWER
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'मनुष्यता' कविता में कवि मैथिलीशरण गुप्त मनुष्य को मनुष्यता का भाव अपनाने के लिए कहते हैं। उनके अनुसार आज का मनुष्य अपने स्वार्थों की पूर्ति हेतु लोकहित जैसी भावना को भूलता जा रहा है। जो मनुष्य अपने लिए जीता है, वह पृथ्वी में पशु के समान है। क्योंकि पशु के जीवन का उद्देश्य खाना और सोना होता है।
भगवान ने मनुष्य को सामर्थ्यवान बनाया है। मनुष्य दूसरों की सेवा करने के स्थान पर पूरा जीवन स्वयं का भरण-पोषण करने में व्यर्थ करता है
, तो वह मनुष्य कहलाने लायक नहीं है। कवि कर्ण, दधीचि ऋषि, रंतिदेव, राजा उशीनर आदि महानुभूतियों का उदाहरण देकर मनुष्य को लोकहित के लिए प्रेरित करते हैं। वह कहते हैं, जो मनुष्य इस संसार में दूसरों की सेवाभाव में अपना जीवन समर्पित करते हैं
, वे इस संसार के द्वारा ही नहीं अपितु भगवान के द्वारा भी पूज्यनीय होते हैं। वह अपने कार्यों से समाज में अन्य लोगों को लोकहित और सेवा का मार्ग दिखाते हुए चलते हैं। ऐसे व्यक्ति समाज में मिसाल कायम करते हैं। युगों-युगों तक उनकी गाथा गायी जाती है।
अत: मनुष्य को अपने गुणों का विकास करते हुए, पूरा जीवन लोकहित में अर्पण कर देना चाहिए।
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# BRAINLY2222
@ HINDI
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'मनुष्यता' कविता में कवि मैथिलीशरण गुप्त मनुष्य को मनुष्यता का भाव अपनाने के लिए कहते हैं। उनके अनुसार आज का मनुष्य अपने स्वार्थों की पूर्ति हेतु लोकहित जैसी भावना को भूलता जा रहा है। जो मनुष्य अपने लिए जीता है, वह पृथ्वी में पशु के समान है। क्योंकि पशु के जीवन का उद्देश्य खाना और सोना होता है।
भगवान ने मनुष्य को सामर्थ्यवान बनाया है। मनुष्य दूसरों की सेवा करने के स्थान पर पूरा जीवन स्वयं का भरण-पोषण करने में व्यर्थ करता है
, तो वह मनुष्य कहलाने लायक नहीं है। कवि कर्ण, दधीचि ऋषि, रंतिदेव, राजा उशीनर आदि महानुभूतियों का उदाहरण देकर मनुष्य को लोकहित के लिए प्रेरित करते हैं। वह कहते हैं, जो मनुष्य इस संसार में दूसरों की सेवाभाव में अपना जीवन समर्पित करते हैं
, वे इस संसार के द्वारा ही नहीं अपितु भगवान के द्वारा भी पूज्यनीय होते हैं। वह अपने कार्यों से समाज में अन्य लोगों को लोकहित और सेवा का मार्ग दिखाते हुए चलते हैं। ऐसे व्यक्ति समाज में मिसाल कायम करते हैं। युगों-युगों तक उनकी गाथा गायी जाती है।
अत: मनुष्य को अपने गुणों का विकास करते हुए, पूरा जीवन लोकहित में अर्पण कर देना चाहिए।
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Anu726:
thanks
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