Hindi, asked by asur, 1 year ago

summary of the story dadi maa

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Answered by yogesh0033
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'दादी माँ' पाठ लेखक और उसकी दादी माँ के बीच घनिष्ट आत्मीय संबंध की कहानी है। लेखक की दादी माँ ममता, स्नेह, दया, की मूर्ति थी। लेखक की यह कहानी उनकी दादी माँ के प्रेम और सम्पर्ण को समर्पित है। दादी माँ लेखक के परिवार के हर कठिन दौर में उनके साथ छाया के समान रहती थीं। उन्होंने कठिन समय में बहुत धैर्य के साथ परिस्थिति को संभाला था। उनकी ममता की छाया के नीचे लेखक को कभी दुख का अनुभव नहीं हुआ था। वह कितना बीमार रहता परन्तु दादी माँ उसके साथ रहती और उसकी देखभाल करती थी। दादी माँ का प्रेमिल और स्नेही स्पर्श लेखक को आराम देता था। उसकी दादी माँ आज उसके साथ नहीं थी परन्तु उनकी यादें लेखक के साथ हमेशा रहतीं हैं। दादी माँ की मृत्यु के बाद भी वह दादी माँ को कभी भुला नहीं पाया था। शिवप्रसाद सिंह ने इस कहानी के माध्यम से बड़ों के महत्व को उजागर किया है।
Answered by capricornusyellow
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दादी माँ

Explanation:

  • दादी माँ एक ऐसी स्नेह पुराण कहानी है जिसमे लेखक और उसकी दादी माँ के बीच के प्रेम को बताया गया है।  
  • यह कहानी एक आत्मीय सम्बन्ध के बारे मैं बताती है।  
  • लेखक ने ये कहानी अपनी दादी माँ को समर्पित की है जिसमे वह प्रेम और समर्पण की भवन से ओट प्रोत होती है।  
  • जब लेखक छोटा था तो उसकी दादी माँ हमेशा उसके साथ रही।  
  • हर परिस्तिथि चाहे वो दुःख हो या सुख हो दादी माँ हमेशा लेखक के साथ रही।  
  • लेखक अपनी दादी माँ से बोहोत प्रेम करता है।  
  • लेखक जब भी बीमार होता था तोउसकी दादी माँ हमेशा उसके साथ रहती थी जिस से लेखक को बीमार अवस्था मैं भी बोहोत आराम मिलता था था।  
  • जब दादी माँ का निधन हुआ तो लेखक अपनी दादी माँ को कभी भी भुला नहीं पाया।  
  • इस कहानी के माध्यम से लेखक ने जीवन मैं बड़े बूढ़ों के महत्व को बताया है की क्यों वो हमारे लिए इतने मत्वपूर्ण होते है।  
  • यह कहानी शिवे पार्षद सिंह जी ने लिखी है।  वह एक अचे लेखक है।  

Learn More: शिवे पार्षद सिंह जी

www.youtube.com/watch?v=uZv17OrT3BI

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