summary of this poem in hindi
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कविता का नाम है डॉ. बंदर यह कविता नरेंद्र गोयल द्वारा लिखी गई है|
इस कविता में कवि ने डॉ. बंदर के बारे माँ बताया है की कैसे जड़ी-बूटियों से सब का इलाज करते है और उन्हें जड़ी-बूटियों की उपयोगिता के बारे में बताते है|
बंदर ने पेड़ के नीचे ही कुर्सी-मेज लगाकर खोल लिया पाना दवाई खाना| खांसी और जुकाम के लिए उन्होंने भालू को पीपल की जड़ दे दी और कहा पानी में उबाल कर सुबह-शाम पीना| बिल्ली को बुखार के लिए गिलोय का रस तीन बार पीने को दिया | लोमड़ी कहती मुझे सुन्दर बनाओ बंदर बोला घी कुंवार लगाओ चमकेगा कुंदन सा चेहरा | इस प्रकार चल गया डॉ. बंदर का धंधा| जड़ी-बूटियों से कर दिया सब की समस्या का हल|
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