Hindi, asked by navyakishore2000, 1 year ago

Summary of Yeh meri janmabhoomi hai by premi

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Answered by jadhav50
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Summary of the poem waha Janmabhoomi Meri by Sohanlal Dwivedi in Hindi

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 bySimarjeetSinghArora 04.03.2018

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GauravSaxena01 

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वह जन्मभूमि मेरी
                           कवि:-सोहनलाल द्विवेदी जी

केंद्रीय भाव:-
वह जन्मभूमि मेरी श्री सोहनलाल द्विवेदी द्वारा लिखित देशभक्ति की भावनाओं से ओतप्रोत कविता है जिसमें भारत देश के गौरवशाली मां का गुणगान किया गया है उत्तर दिशा में घर से सिर उठा हिमालय पर्वत की चोटियां यहां के गौरवशाली संस्कृति का प्रतीक है यह ऋषि मुनियों की पावन स्थली है जहां जन्म लेकर देवता भी धन्य हो गए कवि का संदेश है कि हमें अपने महान देश के महान आदर्श समझना तथा संवर्धन करना चाहिए

संदर्भ:- प्रस्तुत पंक्तियां हमारी पाठ्य पुस्तक साहित्य सागर के पद्य खंड में संकलित कविता वह जन्मभूमि से अवतरित है जिस के रचयिता सुप्रसिद्ध कवि श्री सोहन लाल द्विवेदी जी हैं

प्रसंग:- इन पंक्तियों में कवि ने भारत के प्राकृतिक सौंदर्य और समृद्धि का वर्णन किया है

भावार्थ:- उत्तर दिशा में हिमालय पर्वत स्थित है जिसकी ऊंची चोटियां आकाश का स्पर्श करती दिखाई देती है विश्व का सबसे ऊंचा पर्वत भारत के गौरव का प्रतीक है इस देश के दक्षिण दिशा में स्थित हिंद महासागर भारत मां के चरणों का स्पर्श करके मानो अपने सौभाग्य पर इतराता है
इस देश में गंगा यमुना और सरस्वती जैसी पवित्र नदी का अनोखा संगम है जिसका अद्भुत सौंदर्य चारों ओर छाया दिखाई देता है नदियों के पवित्र जल से सिंचित भारत की धरती हरी भरी और सुंदर दिखाई देती है यह धरती पवित्र भांति भांति के खनिज पदार्थों औषधि वनस्पतियों से संपन्न है
ऐसा महान देश मेरी जन्म भूमि है मेरी मातृभूमि मुझे इस सौभाग्य पर गर्व है

झरने अनेक .............मातृभूमि मेरी

भावार्थ:- कवि कहते हैं कि भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में कल कल बहते हुए झरने यहां की शोभा बढ़ाते हैं इन हरे-भरे वन्य प्रदेशों में चिड़ियों  के मधुर कनेरा से वातावरण मदमस्त हो जाता है आम के घने बगीचों में वसंत ऋतु के आगमन पर कोयल की मीठी कुक सुनाई देती है भारत के दक्षिण में स्थित हिमालय पर्वत से बहने वाली शीतल और सुगंधित हवा प्राणियों को तन मन को स्फूर्ति व ताजगी से भर देती है
यहां अनेक धर्मों की स्थापना हुई जिससे मनुष्य को एक नई जीवन दृष्टि मिली यह देश कर्म प्रधान देश है इसकी सेवा सम्मान है मेरा भारत भूमि मेरी मातृभूमि है जो मुझे सदैव कर्म और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है

जन्मे जहां.......... मेरी

भावार्थ:- जन्म देने वाले वीर महापुरुषों का वर्णन करते हुए कवि कहते हैं कि इस देश में रघुकुल में श्री राम का जन्म हुआ जो मर्यादा पुरुषोत्तम है उनका जीवन चरित्र मानव जीवन का सर्वोच्च आदर्श प्रस्तुत करता है यहां सीता जैसी पतिव्रता वह धर्म परायण स्त्री का जन्म हुआ जिन्होंने नारी धर्म का आदर्श स्थापित किया यह द्वापर युग में श्री कृष्ण ने जन्म लिया जिन्होंने महाभारत के युद्ध में गीता का उपदेश देकर मनुष्य को निष्काम कर्म की शिक्षा दी बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध ने मानव को प्रेम और अहिंसा का पाठ पढ़ाया उनके मन के दीपक से आज विश्व के अनेक देश से अलौकिक हैं बुद्ध ने लोगों को माया मोह आदि विकारों से मुक्त होकर ज्ञान मार्ग पर चलने का संदेश दिया है
        कवि  कहते हैं कि यह भारत भूमि मेरी जन्म भूमि है जो शांति और अहिंसा की वाहक है तथा धर्म और न्याय के रक्षक है


navyakishore2000: I want smart of Kahani Yeha meri janmabhoomi hai by harikrishna premi
navyakishore2000: * summary
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