summery of itne unche utho
Answers
Answered by
0
reept your Questions I don't think
Answered by
1
Answer:
कवि द्वारका प्रसाद जी ने अपने जीवन के अभिव्यक्तियों से जो समझा है । उसके आधार पर ही वह युवा पीढ़ी को संदेश देते हैं कि तुम जाति-धर्म, अमीर-गरीब के भेदभाव से बाहर निकल कर एक ऐसे समाज का गठन करो जिसमें सभी समान भाव से रहे।
जिस प्रकार प्रकृति सभी के लिए समान होती है वैसे ही हमें भी समानता का बीच बोना है।आज समाज में चारों ओर नफरत की बीच है उस आग को ठंडा कर हमें मलय पर्वत के समान ठंडा ,शीतल हवा लाना है।
Similar questions