Sumti kaun tha sumti ke viswa me likhe
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महाभारत के पश्चात के ब्रहाद्रथ वंश के राजा।
कुरु वंश - महाभारत पर्यान्त वंशावली संपादित करें
परीक्षित २ |हर्णदेव | रामदेव | व्यासदेव * द्रौनदेव
सिंहदेव | गोपालदेव | विजयनन्द | सुखदेव | रामन्देव
सन्धिमन् | मरहन्देव | चन्द्रदेव | आनन्ददेव | द्रुपददेव
हर्नामदेव | सुल्कन्देव |
जनमेजय ३ | शतानीक १ | अश्वमेधदत्त
अधिसीमकृष्ण | निचक्षु | उष्ण | चित्ररथ | शुचिद्रथ
वृष्णिमत् | सुषेण | सुनीथ | रुच | नृचक्षुस्
सुखीबल | परिप्लव | सुनय | मेधाविन् | नृपञ्जय | ध्रुव, मधु|तिग्म्ज्योती
बृहद्रथ | वसुदान |शत्निक (बुद्ध कालीन )|
उदयन | अहेनर | निरमित्र (खान्दपनी ) |क्षेमक
ब्रहाद्रथ वंश संपादित करें
यह वंश मगध में स्थापित था।
सोमाधि | श्रुतश्रव | अयुतायु | निरमित्र | सुकृत्त
बृहत्कर्मन् | सेनाजित् | विभु | शुचि
क्षेम | सुव्रत | निवृति | महासेन
सुमति | अचल | सुनेत्र | सत्यजित् | वीरजित् | अरिञ्जय
मगध वंश संपादित करें
क्षेमधर्म ६३९-६०३
क्षेमजित् ६०३-५७९
बिम्बसार ५७९-५५१
अजात्शत्रु ५५१-५२४
दर्शक ५२४-५००
उदायि ५००-४६७
शिशुनाग ४६७-४४४
काकवर्ण ४४४-४२४ ईपू
नन्द वंश संपादित करें
उग्रसेन ४२४-४०४
पण्डुक ४०४-३९४
पण्डुगति ३९४-३८४
भूतपाल ३८४-३७२
राष्ट्रपाल ३७२-३६०
देवानन्द ३६०-३४८
यज्ञभङ्ग ३४८-३४२
मौर्यानन्द ३४२-३३६
महानन्द ३३६-३२४