Hindi, asked by Nireesha5564, 11 months ago

sur ke pad poem by surdas
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Answered by LISAMOHANTY
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सूरदास के पद

मैया, कबहिं बढ़ैगी चोटी?
किती बार मोहिं दूध पियत भई, यह अजहूँ है छोटी।
तू जो कहति बल बेनी ज्यौं, ह्वै है लाँबी मोटी।
काढ़त गुहत न्हवावत जैहै, नागिनी सू भुइँ लोटी।
काँचौ दूध पियावत पचि पचि, देति न माखन रोटी।
सूरज चिरजीवौ दौ भैया, हरि हलधर की जोटी।

इस पद में सूरदास कृष्ण की बाललीला का बखान करते हैं। कृष्ण को उनकी माँ ने बताया है कि दूध पीने से कृष्ण की चोटी लंबी हो जायेगी और उसी उम्मीद में वे दूध पीते हैं। लेकिन कृष्ण के मन में सवाल उठता है कि दूध तो वे कई दिनों से पी रहे हैं फिर भी उनकी चोटी छोटी ही है। माँ ने कहा था कि कृष्ण की चोटी किसी बेनी की तरह लंबी और मोटी हो जायेगी। उसे रोज नहाया जायेगा और गुंथा जायेगा; जिससे चोटी किसी नागिन की तरह जमीन पर लोटने लगेगी। कृष्ण शिकायत करते हैं कि उनकी माँ उन्हें मक्खन और रोटी देने की बजाय बार बार कच्चा दूध पिला रही हैं। सूरदास कृष्ण और बलराम की जोड़ी पर मुग्ध हो गये हैं और उनकी लंबी आयु की कामना करते हैं।

तेरैं लाल मेरौ माखन खायौ।
दुपहर दिवस जानि घर सूनो ढ़ूँढ़ि ढँढ़ोरि आपही आयौ।
खोलि किवारि, पैठि मंदिर मैं, दूध दही सब सखनि खवायौ।
ऊखल चढ़ि, सींके कौ लीन्हौ, अनभावत भुइँ मैं ढ़रकायौ।
दिन प्रति हानि होति गोरस की, यह ढ़ोटा कौनैं ढ़ँग लायौ।
सूर स्याम कौं हटकि न राखै तैं ही पूत अनोखौ जायौ।

इस पद में गोपियाँ कृष्ण की शिकायत लेकर यशोदा के पास आई हैं। कृष्ण ने उनका मक्खन चुराकर खा लिया है। दोपहर में जब घर में सन्नाटा था तो कृष्ण दरवाजा खोलकर गोपियों के घर में प्रवेश कर गये। फिर उन्होंने अपने मित्रों के साथ दूध, दही और मक्खन पर हाथ फेर दिया। कृष्ण ओखल पर चढ़कर छींके तक पहुँच जाते हैं और जमीन पर ढ़ेर सारा मक्खन गिरा देते हैं। गोपियाँ कहती हैं कि यशोदा ने ऐसा उत्पाती लड़का पैदा किया है जिसके कारण प्रतिदिन दूध दही का नुकसान हो रहा है। गोपियाँ शिकायत करती हैं कि यशोदा एकमात्र महिला हैं जिन्होंने श्याम जैसे अनोखे लड़के को जन्म दिया है।

Answered by ShreeramRam2004
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Summary of the poem सुर श्याम

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