Hindi, asked by narendra4646, 11 months ago

Surdas ji ke do he with hindi arth in medium length

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Answered by hxofkfyohdlkv
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Explanation:

“चरन कमल बंदौ हरि राई

जाकी कृपा पंगु गिरि लंघै आंधर कों सब कछु दरसाई॥

बहिरो सुनै मूक पुनि बोलै रंक चले सिर छत्र धराई

सूरदास स्वामी करुनामय बार-बार बंदौं तेहि पाई ॥

अर्थ: इस दोहे में सूरदास ने श्री कृष्ण की महिमा का वर्णन किया है। वह कहते हैं कि श्री कृष्ण की महिमा ऐसी है कि लंगड़ा भी पर्वत को पार कर लेता है, अंधे लोगों को सब कुछ दिखने लगता है। बहरे व्यक्ति को सब सुनाई देने लगता है गूंगा व्यक्ति बोलने लग जाता है। गरीब व्यक्ति अमीर बन जाता है सूरदास कहते हैं कि प्रभु के चरणों में मैं बार-बार नमन करता हूं।

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