Surdas ke bare mein Apne shabdon mein likhen
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उत्तर :
भारतवर्ष में समय-समय पर धर्म,विज्ञान एवं साहित्य क्षेत्र में महान विद्वानों एवं साहित्यकारों में जन्म लिया।
उनमें से कुछ जैसे ही रहे तुलसीदास मीराबाई आदि यह सब भक्तिकाल की देन है। हम इसे एक महत्वपूर्ण और कृष्ण भक्ति के लिए प्रसिद्ध कवि सूरदास जी भी है।
महाकवि सूरदास जी के जीवन के बारे में जानकारी प्राप्त करने से पहले यह जानना जरूरी है कि सूरदास जी के जीवन परिचय (जैसे जन्म स्थान, वंश,कूल)आदि के विषय में अनेक विद्वानों में मतभेद दिखाई देते हैं। तथ्यों के अनुसार सूरदास जी का जन्म रुनकता नामक गांव में हुआ था। कई लोगों का मानना था कि वह जन्म से अंधे थे तथा कुछ लोग इस बात को मानने करते थे। वल्लभाचार्य सूरदास जी के गुरु थे। सूरदास जी अष्टछाप कवियों में से एक प्रमुख कवि थे।
सूरदास जी की रचनाएं:-
सूरसागर, साहित्य लहरी, सुर सारावली इत्यादि।
सूरदास जी ने कृष्ण काव्य परंपरा को जन्म दिया है। उनके पदों में कृष्ण भक्ति झलकती है। सूरदास जी की मृत्यु पार सोनी नामक स्थान पर हुई।