Surdas Ke Pad chapter mein Main Madhukar Kise Kaha gaya hai aur aur kyon
Answers
सूरदास के पदों में मधुकर किसे कहा गया है, और क्यों?
► सूरदास के पदों में मधुकर गोपियों द्वारा उद्धव के लिए कहा गया है।
जब श्री कृष्ण वृंदावन में गोपियों को छोड़कर मथुरा जा रहे थे तो वह वापस आने का वचन देकर गए थे और गोपियां उनकी प्रतीक्षा में उनकी विरह-वेदना से पीड़ित थीं। ऐसे में श्रीकृष्ण ने गोपियों को समझाने के लिये मथुरा से उद्धव को भेजा जो गोपियों को योग व ज्ञान का मार्ग अपनाने का संदेश देने लगे। गोपियों के प्रति प्रेम में डूबी हुई गोपियों को उद्धव का योग और ज्ञान का मार्ग अपनाने का संदेश पसंद नहीं आया। उन्होंने ऐसी स्थिति में भंवरे को माध्यम बनाकर उद्धव को संबोधित करते हुए उन्हें मधुकर कहा। मधुकर का अर्थ भंवरा ही होता है। इस प्रसंग में गोपियों ने मधुकर शब्द उद्धव के लिए प्रयोग किया और उन्हें कहा कि कृष्ण उनके मन के चोर हैं। उनका मन चुराकर मथुरा चले गए। यहां पर गोपियों ने कृष्ण को वास्तविक चोर नहीं कहा बल्कि प्रतीकात्मक रूप में कृष्ण को उनके मन को चोर कहा है, अर्थात कृष्ण अपनी लुभावनी रंग-रूप और कृत्यों से गोपियो के मन को चुराकर उनके मन में बस गए।
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Answer:
सूरदास के पदों में मधुकर गोपियों द्वारा उद्ध के लिए कहा गया है।
जब श्री कृष्ण वृंदावन में गोपियों को छोड़कर मथुरा जा रहे थे तो वह वापस आने का वचन देकर गए थे और गोपियां उनकी प्रतीक्षा में उनकी विरह-वेदना से पीड़ित थीं। ऐसे में श्रीकृष्ण ने गोपियों को समझाने के लिये मथुरा से उद्धव को भेजा जो गोपियों को योग व ज्ञान का मार्ग अपनाने का संदेश देने लगे। गोपियों के प्रति प्रेम में डूबी हुई गोपियों को उद्धव का योग और ज्ञान का मार्ग अपनाने का संदेश पसंद नहीं आया। उन्होंने ऐसी स्थिति में भंवरे को माध्यम बनाकर उद्धव को संबोधित करते हुए उन्हें मधुकर कहा । मधुकर का अर्थ भंवरा ही होता है। इस प्रसंग में गोपियों ने मधुकर शब्द उद्धव के लिए प्रयोग किया और उन्हें कहा कि कृष्ण उनके मन के चोर हैं। उनका मन चुराकर चले गए। यहां पर गोपियों ने कृष्ण को वास्तविक चोर नहीं कहा बल्कि प्रतीकात्मक रूप में कृष्ण को उनके मन को चोर कहा है, अर्थात कृष्ण अपनी लुभावनी रंग-रूप और कृत्यों से गोपियो के मन को चुराकर उनके मन में बस गए।