Surdas ki Shakha ke kavi hai
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सूरदास का जीवन परिचय, सूरदास के गुरु कौन थे
By: Sathya Narayanan
Dec 09, 2015 01:38pm
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सूरदास के गुरु कौन थे
कृष्ण भक्ति में सूरदास का नाम सर्वोपरि है। वह एक कवि, संत और एक महान संगीतकार थे। उन्होंने इन सभी रोल को अपने जीवन में बखूबी निभाया। उनके जीवनकाल से संबंधित कोई भी पुख्ता प्रमाण नहीं मिलते। महाकवि सूरदास के जन्म और मृत्यु दोनों को लेकर कई भ्रांतियां हैं। उनके पिता रामदास गायक थे। उनके गुरु का नाम श्री वल्लभाचार्य था। यह भी माना जाता है कि वह अपने गुरु से महज दस दिन छोटे थे।
___________________________ सूरदास ' भक्तिकाल ' के , ' सगुण काव्यधारा' के " कृष्ण भक्ति शाखा " के कवि थे।___________________________
नोट ( महत्वपूर्ण जानकारी ) :-
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• सूरदास भक्तिकाल अर्थात् हिंदी साहित्य का
स्वर्णयुग के कवि थे ।
• भक्तिकाल में दो काव्य धारा बह रही थी ,
सगुण और निर्गुण
• सूरदास ' सगुण ' काव्य धारा के कवि थे ।
• सगुण के अन्तर्गत दो शाखा थी, कृष्ण भक्ति
और राम भक्ति ।
• सूरदास ' कृष्ण भक्ति ' शाखा के कवि थे ।
• हिंदी साहित्य का इतिहास निम्न वर्गो में
विभाजित है :-
आदिकाल ( विद्यापति , खुसरो )
भक्तिकाल ( कबीर , सूरदास , तुलसीदास )
रीतिकाल ( बिहारी , मंझन , केशवदास )
आधुनिक काल ( रामचंद्र शुक्ल , प्रेमचंद )
• भक्तिकाल को भी विभाजित किया गया है :-
क ) सगुण काव्यधारा
- कृष्ण भक्ति शाखा ( सूरदास , मीराबाई )
- राम भक्ति शाखा ( तुलसीदास )
ख ) निर्गुण काव्यधारा
- प्रेमाश्रेयी ( जायसी )
- ज्ञानाश्रेयी ( कबीर )