Swach Bharat par 80 shabdo ka anuched
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Essay on Swachh Bharat Abhiyan in 800 Hindi
स्वच्छ भारत मिशन बड़े पैमाने का एक सफाई अभियान है जिसका लक्ष्य 2019 तक भारत को साफ़ सुथरा और खुशहाल बनाना है। इस अभियान में देशभर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लोगों को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को प्रेरणा का बड़ा श्रोत बनाया।
शहरी क्षेत्रों में इस अभियान का लक्ष्य
1.04 करोड़ परिवारों के लिए 2.5 लाख शौचालयों का निर्माण और 2.6 समुदायक शौचालयों का निर्माण करना है और इसमें ठोस कचरा की लागत 7365 करोड़ रूपए है , 1828 करोड़ रूपए जागरूक करने के उद्देश्य के लिए खर्चे जाएंगे। इस कार्यक्रम के तहत घरेलू शौचालयों का निर्माण करना अस्वच्छ शौचालयों को स्वच्छ शौचालयों में परिवर्तित करना , नगरपालिका ठोस कचरा का निपटारा करना , शहरी लोगों की स्वच्छता के प्रति सोच को बदलना।
गांव स्वच्छ भारत अभियान
गांवों में स्वच्छता को कायम बनाने के लिए सरकार द्वारा निर्मल भारत अभियान की शुरुयात की गयी थी किन्तु अब इसे स्वच्छ भारत अभियान का सम्पूर्ण रूप दे दिया गया है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के प्रति ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रेरित किया जा सके। इसका उद्देश्य ग्रामीण लोगों को खुले में शौच से मुक्त कराना है इसके लिए सरकार द्वारा 11 करोड़ 11 लाख शौचालयों के निर्माण के लिए 1 लाख 34 हज़ार करोड़ की राशि खर्च करने की घोषणा की गयी है। इसके इलावा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को साफ सफाई के प्रति उन्हें जागरूक करना और ठोस कूड़ा कर्कट का निपटारा करना आदि प्रमुख्य उद्देश्य हैं।
इस अभियान का सीधा सबंध साफ़ सफाई से है सफाई न होने से अनेक संक्रामक बीमारियाँ फ़ैल जाती हैं , डायरिया , मलेरिया , कालरा जैसी कई बीमारियां गंदगी से ही फैलती हैं इसीलिए साफ़ सफाई रखकर ही इन बिमारियों को दूर रखा जा सकता है।
हर घर में टॉयलेट जरूर होना चाहिए और इनकी समय सिर सफाई बेहद जरूरी है इसके इलाबा फलों और सब्जियों का सेवन करते वक्त इन्हें अच्छी तरह से धोकर ही खाना जा पकाना चाहिए। खाने की चीज़ों को ढक कर रखें। ऐसी जगह यहां गंदगी फैलती रहती है वहां बिमारियों के फैलने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।
नरेंद्र मोदी जी के इस अभियान का उद्देश्य एक बड़ा कदम हो सकता है स्वच्छता किसी पर थोपा जाने वाला कार्य नहीं है जो किसी पर दबाव डालकर कराया जाए अच्छी सेहत के लिए हर प्रकार की स्वच्छता जरूरी है इसीलिए स्वच्छता के पूर्व हर एक को इसके महत्व के बारे में पता होना चाहिए।
स्वच्छ भारत अभियान के आंकड़े –
इस योजना की लागत – 196009 करोड़ रूपए।
62009 करोड़ रूपए की राशि शहरी इलाकों के लिए तय की गयी है
2015 तक 2 करोड़ शौचालयों का लक्ष्य
5 वर्षों में 11.11 करोड़ शौचालयों को बनाने में एक लाख चौतींस हजार करोड़ रूपए का खर्च आएगा
2019 तक 1.04 करोड़ परिवारों के लिए टॉयलेटो का लक्ष्य
2019 तक 4041 शहरों में ठोस कचरा के निपटारे के लिए
प्रधानमंत्री ने देश के नागरिकों को स्वच्छता से स्वास्थ्य की एहमियत को समझाते हुए हर देशवासी से इसे अपनाने की अपील की थी उनके इस कदम से स्वच्छता जैसा उपेक्षित विषय अचानक राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गया था। इससे देश का हर नागरिक हाथ में झाड़ू लेकर सफाई अभियान से जुड़ गया।
इस अभियान से जुड़ने के बाद लोग अपने घर , मोहल्ले , कस्बे और शहर की सफाई करने में जुट गए हैं , इस अभियान ने लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया है और इस अभियान की पहली रिपोर्ट में देश का सबसे साफ़ सुथरा शहर कर्नाटक के मैसूर शहर को मिला है। दरअसल इस अभियान का मकसद शहर की गलियों , सडकों को साफ़ रखना था जिसमें मैसूर सफाई के मामले में सबसे आगे रहा। इस अभियान के दो वर्षों तक मैसूर को दूसरी बार साफ़ सुथरा शहर होने का दर्जा हासिल हुआ।
विद्यालय स्वच्छ भारत अभियान
सरकार द्वारा 25 दिसम्बर 2014 को स्वच्छ भारत कोष आरंभ किया गया इस से प्राप्त धन को विद्दायलों में शौचालयों के निर्माण के लिए लगाया जाएगा जिस से पूरे देश में साफ़ सफाई के स्तर को सुधारने में काफी सहायता मिलेगी।
स्कूल में पौधों की संभाल करना।
कक्षा , प्रयोगशाला और पुस्तकालयों की सफाई रखना।
खेल के मैदान की सफाई करना।
टॉयलेट और पीने लायक पानी का प्रबंध करना।
यदि साफ़ सफाई की बात करें तो इसकी शुरुयात हमें खुद से करनी होगी दूसरों के सहारे रहना के यह कार्य तो दूसरा करेगा तभी में करूंगा यह गलत मानसिकता है। यह हमें ध्यान में रखना होगा के दुसरे आपके कहने पर नहीं चलेंगे क्योंकि हर व्यक्ति के सोचने का अपना अपना नजरिया होता है। आप किसी को कोई काम करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हां उसे प्रेरित जरूर कर सकते हैं , साफ़ सफाई किसे अच्छी नहीं लगती हर कोई चाहता है के उसका घर भी साफ सुथरा लगे इसीलिए हमें सबसे प्रथम खुद से ही शुरुयात करनी होगी।
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