swachata abhiyan par anutched
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भारत देश किसी जमाने में सोने की चिड़िया कहा जाता था,अपने वैभव और संस्कृति के लिए जाना जाता था। लेकिन समय के बदलाव के चलते हमारे देश पर कई बाहरी ताकतों ने राज किया, जिससे हमारी देश की हालत खराब हो गई।
हमारे देश में स्वच्छता पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जाता है। आपने देखा होगा कि हमारे देश का कोई भी बड़ा राज्य हो या शहर हो या फिर गांव हो या फिर कोई गली या मोहल्ला हो - वहां पर भी आपको कूड़ा करकट मिलेगा।
हमारे देश के विकास में बाधा पहुंचाने वाली समस्याओं में एक मुख्य कारण गंदगी है क्योंकि इसके कारण लोग हमारे देश में आना पसंद नहीं करते हैं और जिससे हमारे देश को इतनी ख्याति नहीं मिलती है। हमारा देश भी पूर्णतया स्वच्छ हो, इसके लिए कई महापुरुषों ने सपने देखे थे और उन्हें साकार करने की भी कोशिश की थी लेकिन वह किसी कारण सफल नहीं हो पाए।
आज भी हमारे देश के कुछ ही घरों में शौचालय की सुविधा है, गाँवो में तो लोग आज भी शौच करने बाहर ही जाते हैं, जिसके कारण गाँवो में गंदगी फैल जाती है और शहरों की बात करें तो शहरों में शौचालय तो है लेकिन वहां पर अन्य गंदगी बहुत ज्यादा है, जैसे कि फैक्ट्रियों का अपशिष्ट कूड़ा-करकट, गंदे नाले और घरेलू अपशिष्ट जो सड़कों पर इतनी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है कि हमारे देश की सड़कें दिखाई ही नहीं देती, सिर्फ और सिर्फ कूड़ा-करकट दिखाई देता है।
हमारे देश को स्वच्छ बनाने के लिए भारत सरकार ने एक नई योजना निकाली है, जिसका नाम 'स्वच्छ भारत अभियान' रखा गया है। इस अभियान के तहत सभी देशवासियों को इसमें शामिल होने के लिए कहा गया है।
यह अभियान आधिकारिक रूप से 1999 से चला रहा है पहले इसका नाम ग्रामीण स्वच्छता अभियान था, लेकिन 1 अप्रैल 2012 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस योजना में बदलाव करते हुए इस योजना का नाम निर्मल भारत अभियान रख दिया और बाद में सरकार ने इसका पुनर्गठन करते हुए इसका नाम पूर्ण स्वच्छता अभियान कर दिया था। स्वच्छ भारत अभियान के रूप में 24 सितंबर 2014 को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस को मंजूरी मिल गई।
स्वच्छ भारत अभियान का उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने महात्मा गाँधी जी की 145 वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर 2014 को किया। उन्होंने राजपथ पर जनसमूहों को संबोधित करते हुए राष्ट्रवादियों से स्वच्छ भारत अभियान में भाग लेने और इसे सफल बनाने को कहा। साफ-सफाई के संदर्भ में यह सबसे बड़ा अभियान है। क्योंकि गाँधी जी का सपना था कि हमारा देश भी विदेशों की तरह पूर्ण स्वस्थ और निर्मल दिखाई दे। इस बात को मध्य नजर रखते हुए प्रधानमंत्री जी ने उन्हीं के जन्मदिवस पर इस अभियान की शुरुआत दिल्ली के राजघाट से की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए दिल्ली कि वाल्मीकि बस्ती में सड़कों पर झाड़ू लगाई थी। जिससे देश के लोगों में यह जागरुकता आए कि अगर हमारे देश का प्रधानमंत्री देश को स्वच्छ करने के लिए सड़क पर झाड़ू लगा सकता है, तो हमें भी अपने देश को स्वच्छ रखने के लिए अपने आसपास सफाई रखनी होगी।