Hindi, asked by deepakgupta7031, 1 year ago

Swachata jab jagruti par vrutant

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Answered by Anonymous
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स्वच्छता और स्वस्थ वातावरण के लिए स्वच्छता एक सबसे महत्वपूर्ण अभ्यास है। यह सार्वजनिक स्वच्छता या निजी स्वच्छता से संबंधित हो सकता है स्वच्छता, स्वच्छता, स्वच्छता और विभिन्न बीमारियों के बारे में जानने के लिए हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है जो स्वच्छ परिस्थितियों के खराब रखरखाव के कारण होता है।

· ऐसी आदतें जिन्हें एक युवा उम्र में सीखा या पीछा किया जाता है, एक व्यक्ति के व्यक्तित्व में अंतर्निहित हो जाते हैं। किसी को कुछ आदतों का पालन करना शुरू करना चाहिए जैसे भोजन से पहले हाथ धोना, दांतों को नियमित रूप से ब्रश करना, और छोटी उम्र से स्नान करना।

· कुछ अच्छे तरीकों का पालन करना जरूरी है जैसे हमारे परिवेश को साफ रखना, सार्वजनिक स्थानों में कूड़े से बचने, सड़क पर थूकने से बचना, और कई अच्छी आदतें।

। स्वच्छता और व्यक्तिगत स्वच्छता की जागरूकता हमारे देश में इस समय की जरुरत है जहां डेंग बुखार, सूअर फ्लू, मलेरिया, चिकन लोमड़ी और पीलिया जैसे रोग तेजी से फैल रहे हैं। लोगों को इन रोगों से स्वयं को रोकने के लिए स्वच्छता और व्यक्तिगत स्वच्छता के महत्व का एहसास होना चाहिए
Answered by daphni6
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भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान

स्वच्छ भारत मिशन एक बड़े पैमाने पर जन आंदोलन है जिसका प्रयास 2019 तक भारत को स्वच्छ बनाना है। इस मिशन में सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा।

शहरी क्षेत्रों के लिए स्वच्छ भारत मिशन

मिशन का उद्देश्य 1.04 करोड़ परिवारों को लक्षित करते हुए 2.5 लाख समुदायिक शौचालय, 2.6 लाख सार्वजनिक शौचालय, और प्रत्येक शहर में एक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की सुविधा प्रदान करना है। इस कार्यक्रम के तहत आवासीय क्षेत्रों में जहाँ  व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण करना मुश्किल है वहाँ सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करना। पर्यटन स्थलों, बाजारों, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशनों जैसे प्रमुख स्थानों पर भी सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया जाएगा। यह कार्यक्रम पाँच साल अवधि में 4401 शहरों में लागू किया जाएगा। कार्यक्रम पर खर्च किये जाने वाले 62,009 करोड़ रुपये में केंद्र सरकार की तरफ से 14623 रुपये उपलब्ध कराए जाएगें। केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त होने वाले 14623 करोड़ रुपयों में से 7366 करोड़ रुपये ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर,4,165 करोड़ रुपये व्यक्तिगत घरेलू शौचालय पर,1828 करोड़ रुपये जनजागरूकता पर और समुदाय शौचालय बनवाये जाने पर 655 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। इस कार्यक्रम खुले में शौच, अस्वच्छ शौचालयों को फ्लश शौचालय में परिवर्तित करने, मैला ढ़ोने की प्रथा का उन्मूलन करने, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और स्वस्थ एवं स्वच्छता से जुड़ीं प्रथाओं के संबंध में लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाना आदि शामिल हैं।


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