Hindi, asked by vinayraj7660, 9 months ago

Swachata pranali ka sahyog

Answers

Answered by pramoda63
1

Answer:

नेशनल दुनिया। गुड़गाँव। नगर निगम आयुक्त विकास गुप्ता ने रविवार को कहा कि अगर हम इस बात का ध्यान रखें कि हमारे घरों से ही कम से कम कचरा निकले तो काफी हद तक स्वच्छता बनाए रखने में हम योगदान दे सकते हैं। इसके लिए प्लास्टिक आदि में पैक चीजों का कम से कम इस्तेमाल किया जा सकता है। यह बातें उन्होंने रविवार को स्थानीय अशोक विहार में बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था अक्षरधाम दिल्ली व डिप्टी मेयर परमिन्द्र कटारिया द्वारा चलाए गए स्वच्छता अभियान के दौरान उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहीं।

उन्होंने कहा कि हर घर में ज्यादातर प्लास्टिक में पैक चीजों का इस्तेमाल होता है। पैकिंग में रखी गई चीज का तो उपयोग कर लेते हैं, लेकिन पैकिंग मेटेरियल को कचरे में फेंक देते हैं, जिससे कचरा ज्यादा निकलता है। अगर हम बाजार से घर का सामान लाते समय कपड़े या जूट का थैला इस्तेमाल करेंगे तो पॉलीथिन कम से कम हमारे घर में आएगी और हमारे घर में कचरा कम जमा होगा। उन्होंने लोगों से प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने की सलाह दी। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि स्वच्छता बनाए रखने के लिए ना तो स्वयं खुले में शौच करें और ना ही दूसरों को करने दें। क्योंकि इससे हमारा क्षेत्र तो गन्दा होता ही है, साथ ही वातावरण में बदबू भी फैलती है। इससे मच्छर व मक्खी पैदा होकर बीमारियों को जन्म देते हैं। उन्होंने घरों में ही गीला व सूखा कचरा अलग-अलग करने की अपील भी की।

उन्होंने कहा कि गीले कचरे से खाद बनाई जा सकती है तथा सूखा कचरा रिसाइकिल हो जाता है। अगर हम अपने घर से ही कचरा अलग-अलग करके देंगे तो उसका निस्तारण करने में आसानी होगी। इसके अलावा निगमायुक्त ने लोगों से यह भी कहा कि वे स्वच्छता बनाए रखने के लिए सरकार व नगर निगम के साथ सामाजिक भागीदारी भी जरूरी है। अगर लोग स्वयं इधर-उधर कचरा ना डालें और ना ही दूसरों को डालने दें तो हमारा शहर स्वच्छ व सुन्दर रहेगा। यहाँ के नागरिक भी स्वस्थ रहेंगे क्योंकि स्वच्छता का सीधा सम्बन्ध स्वास्थ्य से है।

इस अवसर पर नगर निगम के डिप्टी मेयर परमिन्द्र कटारिया ने निगमायुक्त को बताया कि वे यहाँ के नागरिकों के साथ मिलकर प्रत्येक रविवार को स्वच्छता अभियान चलाते हैं। जिसके तहत शहर के अलग-अलग हिस्सों में सफाई करने के साथ-साथ लोगों को स्वच्छता बनाए रखने के लिए जागरुक भी किया जाता है। उनका प्रयास है कि अशोक विहार कॉलोनी गुड़गाँव की पहली जीरो गारबेज कॉलोनी बने।

Similar questions