Hindi, asked by Veeru123456, 1 year ago

swachh Bharat Abhiyan essay in Hindi

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Answered by musku425
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स्वच्छ भारत अभियान को पूरा करने के लिए 5 वर्ष (2 अक्टूबर 2019) तक की अवधि निश्चित किए गई है| इस अभियान पर लगभग दो लाख करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है| इसके अंतर्गत 4041 शहरों को सम्मिलित किया जाएगा| इस अभियान की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय 1 लाख 34 हजार करोड़ और केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय 62 हजार करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान करेंगे|

इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने क्लीन इंडिया कैंपेन के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत को सालाना 20 लाख रुपए देने की घोषणा की| यह अभियान अभी प्रारंभिक चरण में ही है लेकिन सरकारी प्रयासों से यह आभास हो रहा है कि सरकार इस अभियान को निर्धारित समयअवधि में पूर्ण करने के लिए प्रतिबद्ध है| इस अभियान के प्रति जनसाधारण को जागरुक करने के लिए सरकार समाचार पत्रों, विज्ञापनों आदि के अतिरिक्त सोशल मीडिया का भी उपयोग कर रही है|

क्लीन इंडिया नाम से एक नई वेबसाइट की भी शुरुआत की गई है और फेसबुक जैसे प्रसिद्ध नेटवर्किंग साइट के माध्यम से भी लोगों को इस से जोड़ा जा रहा है ट्विटर पर भी माइक्रो इन इंडिया के नाम से एक ट्विटर हैंडल का अकाउंट का भी शुभारंभ किया गया है| प्रत्येक नागरिक की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री जी ने सभी से अपील की है कि लोग पहले गंदी जगह की फोटो सोशल नेटवर्क साइट पर अपलोड करें और फिर उस स्थान को साफ करके उसकी वीडियो तथा फोटो भी अपलोड करें इस अभियान में प्रधानमंत्री जी ने मशहूर हस्तियों को भी शामिल किया है उन्होंने इसके लिए 9 लोगों को नॉमिनेट भी किया है|

Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi
स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध – Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi
इन 9 हस्तियों में अनिल अंबानी, सचिन तेंदुलकर, सलमान खान, प्रियंका चोपड़ा, बाबा रामदेव, कमल हासन, मृदुला सिन्हा, शशि थरूर और शाजिया इल्मी शामिल है| इसके अलावा उन्होंने टीवी सीरियल “तारक मेहता का उल्टा चश्मा” की पूरी टीम को भी नॉमिनेट किया है| उन्होंने कहा कि यह सभी लोग स्वच्छता अभियान के लिए काम करें| इस तरह स्वच्छता अभियान ना रहकर एक आंदोलन बन जाएगा उन्होंने कहा यह दायित्व सिर्फ सफाई कर्मचारियों का नहीं है सभी 125 करोड़ भारतीयों का है|

केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री की गंदगी मुक्त भारत की संकल्पना अच्छी है तथा इस दिशा में उनकी ओर से किए गए आरंभिक प्रयास भी सराहनीय है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण प्रशन यह है कि आखिर क्या कारण है कि साफ-सफाई हम भारत वासियों के लिए कभी महत्व के विषय ही नहीं रहा आखिर क्यों तमाम प्रयासों के बाद भी हम साफ सुथरे नहीं रहते हमारे गांव गंदगी के लिए बहुत पहले से बदनाम है लेकिन ध्यान दिया जाए तो यह पता चलता है कि इस मामले में शहरों की स्थिति भी गांव से से बहुत भिन्न नहीं है| आज पूरी दुनिया में भारत की छवि एक गंदे देश की है जब-जब भारत की अर्थव्यवस्था, तरक्की, ताकत और प्रतिभा की बात होती है तब-तब इस बात की भी चर्चा होती है कि भारत एक गंदा देश है| पिछले ही वर्ष हमारे पड़ोसी देश चीन के ब्लॉग पर गंगा में तैरती लाश और भारतीय सड़कों पर कूड़े के ढेर वाली तस्वीरें छाई रहेगी|

कुछ साल पहले इंटरनेशनल हाइजीन काउंसिल ने अपने एक सर्वे में यह कहा था कि औसत भारतीय घर बेहद गंदे और अस्वास्थ्यकर होते हैं| इस सर्वे में काउंसिल ने कमरों, बाथरुम और रसोई घर की साफ-सफाई को आधार बनाया था| उसके द्वारा जारी गंदे देशों की सूचना मैं सबसे पहला स्थान मलेशिया और दूसरा स्थान भारत को मिला था| हद तो तब हो गई जब हमारे ही एक पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यहां तक कह दिया कि यदि गंदगी के लिए नोवेल पुरस्कार दिया जाता तो वह भारत को ही मिलता|

Swachh Bharat Abhiyaan hope it help u
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