swachh Bharat swachh Abhiyan par nibandh
Answers
Answered by
12
सभी को सुबह की नमस्ते। मेरा नाम rekhaऔर मैं कक्षा....में पढ़ता/पढ़ती हूँ। जैसा कि हम सभी इस महान अवसर पर इकट्ठा हुए हैं, मैं अपने शब्दों में, इस बहुत भारी भीड़ के सामने स्वच्छ भारत अभियान पर कुछ कहना चाहता/चाहती हूँ। ये विषय मैंने विशेषरुप से पूरे भारत में हमारे चारों ओर साफ-सफाई की बढ़ती हुयी आवश्यकता के कारण चुना है, जिसे केवल देश के सभी और प्रत्येक नागरिक के एक दूसरे के सहयोग और प्रयासों से ही सफल बनाया जा सकता है। भारत के महान व्यक्ति, महात्मा गाँधी ने कहा था कि,“स्वतंत्रता से ज्यादा स्वच्छता कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।” भारत गरीबी, शिक्षा की कमी, स्वच्छता की कमी और अन्य सामाजिक मुद्दों के कारण आज भी विकासशील देश है। हमें समाज से उन सभी कारणों का उन्मूलन करने की आवश्यकता है जो देश के विकास और वृद्धि में बाधा डालते हैं।
और मैं समझती हूँ स्वच्छता अभियान, समाज से सभी बुराईयों को खत्म करने के साथ ही नागरिकों की वैयक्तिक वृद्धि के साथ देश की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सबसे अच्छी शुरुआत है। केवल स्वच्छता मिशन की सफलता ही भारत में बहुत बड़े बदलाव को ला सकती है। ये भारत में रहने वाले सभी नागरिकों की आन्तरिक और बाहरी वृद्धि और विकास से जुड़ी हुआ है जो इसके नारे की सम्पूर्णता में दिखायी देता है कि, “स्वच्छ, खुश और स्वस्थ्य नागरिक, स्वस्थ्य और विकसित राष्ट्र के निर्माण में भाग लेते हैं।” स्वच्छ भारत अभियान या क्लीन इंडिया कैंपेन भारत के प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी के द्वारा 2014 में, महात्मा गाँधी के जन्मदिन (145वीं सालगिरह पर), 2 अक्टूबर को शुरु किया गया था।
महात्मा गाँधी भारतीय शासकों की कमजोरी से बहुत अच्छे से वाकिफ थे। उन्होंने इस देश को एक स्वच्छ देश बनाने के लिए सपना देखा था और यहाँ तक कि उन्होंने ग्रामीण लोगो के बीच बहुत से साधनों के माध्यम से जोर दिया लेकिन लोगों की अधूरी भागीदारी के कारण इसे पूरा नहीं कर सके। स्वतंत्रता के बहुत सालों बाद भी, हम आज भी गन्दे वातावरण में रहते हुए अपने जीवन को हर एक क्षण खतरे में डाल रहे हैं। आँकड़ों के अनुसार, 30% ग्रामीण लोगों की स्वच्छ शौचालय तक पहुँच नहीं है और मैदानों में खुले शौच प्रणाली का प्रयोग करते हैं। भारत के राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी ने जून 2014 में, संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि, “स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए, देश भर में कचरा प्रबंधन और स्वच्छता के लिए “स्वच्छ भारत अभियान” को शुरु किया गया है। ये महात्मा गाँधी के लिए, 2019 में, उनकी 150वीं वर्षगांठ को मनाते समय हमारी तरफ से श्रद्धांजलि होगी।”
पूरे देश में स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए, स्वच्छता, सुरक्षित शौचालय और उचित अपशिष्ट प्रबंधन के तरीकों की समस्या को सुलझाने की बहुत आवश्यकता है। भारत के प्रधानमंत्री, नरेंन्द्र मोदी ने, 2014 में भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण के दौरान ‘स्वच्छ भारत’ पर जोर दिया था, हालांकि, ये मिशन 2 अक्टूबर 2014 के सफलतापूर्वक शुरु किया था। इस मिशन को 2019 तक, बापू की 150वीं वर्षगांठ तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस मिशन का लक्ष्य स्वच्छता सुविधाओं को उपलब्ध कराने के साथ ही 2019 तक लोगों के लिए अस्वथ्यकारी प्रथाओं को खत्म करना है। भारत के प्रधानमंत्री के द्वारा 25 सितम्बर 2014 को, पहला स्वच्छता कार्य शुरु किया गया था। ये भारत में सबसे बड़े अभियान के रुप में गिना जाता है जो अब चारों तरफ फैल (वायरल) गया है।
ये उचित स्वास्थ्य और स्वच्छता भारत के बारे में वैश्विक धारणा को बदलने की क्षमता रखता है और हर साल बहुत से पर्यटकों को भारत में आने के लिए प्रभावित कर सकता है, जिससे एक अर्थ में भारत की बड़े स्तर पर आर्थिक वृद्धि होगी। इस अभियान के दौरान, प्रत्येक भारतीय नागरिक से हर साल अपने 100 घंटे भारत की सफाई के लिए देने का अनुरोध किया गया। सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए, 15 अगस्त 2015 तक, पूरे भारत के प्रत्येक स्कूल और कॉलेज में लड़कों और लड़कियों के लिए अलग शौचालय बनाने का नियम बनाया गया है। एक विद्यार्थी के रुप में, इससे भी अधिक एक भारतीय नागरिक के रुप में, यहाँ एकत्र हुए सभी लोगों से इस अभियान को 2019 तक सफल बनाने के लिए, मैं भी अनुरोध करता/करती हूँ।
जय हिन्द, जय भारत
स्वच्छ भारत, सशक्त भारत।
और मैं समझती हूँ स्वच्छता अभियान, समाज से सभी बुराईयों को खत्म करने के साथ ही नागरिकों की वैयक्तिक वृद्धि के साथ देश की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सबसे अच्छी शुरुआत है। केवल स्वच्छता मिशन की सफलता ही भारत में बहुत बड़े बदलाव को ला सकती है। ये भारत में रहने वाले सभी नागरिकों की आन्तरिक और बाहरी वृद्धि और विकास से जुड़ी हुआ है जो इसके नारे की सम्पूर्णता में दिखायी देता है कि, “स्वच्छ, खुश और स्वस्थ्य नागरिक, स्वस्थ्य और विकसित राष्ट्र के निर्माण में भाग लेते हैं।” स्वच्छ भारत अभियान या क्लीन इंडिया कैंपेन भारत के प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी के द्वारा 2014 में, महात्मा गाँधी के जन्मदिन (145वीं सालगिरह पर), 2 अक्टूबर को शुरु किया गया था।
महात्मा गाँधी भारतीय शासकों की कमजोरी से बहुत अच्छे से वाकिफ थे। उन्होंने इस देश को एक स्वच्छ देश बनाने के लिए सपना देखा था और यहाँ तक कि उन्होंने ग्रामीण लोगो के बीच बहुत से साधनों के माध्यम से जोर दिया लेकिन लोगों की अधूरी भागीदारी के कारण इसे पूरा नहीं कर सके। स्वतंत्रता के बहुत सालों बाद भी, हम आज भी गन्दे वातावरण में रहते हुए अपने जीवन को हर एक क्षण खतरे में डाल रहे हैं। आँकड़ों के अनुसार, 30% ग्रामीण लोगों की स्वच्छ शौचालय तक पहुँच नहीं है और मैदानों में खुले शौच प्रणाली का प्रयोग करते हैं। भारत के राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी ने जून 2014 में, संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि, “स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए, देश भर में कचरा प्रबंधन और स्वच्छता के लिए “स्वच्छ भारत अभियान” को शुरु किया गया है। ये महात्मा गाँधी के लिए, 2019 में, उनकी 150वीं वर्षगांठ को मनाते समय हमारी तरफ से श्रद्धांजलि होगी।”
पूरे देश में स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए, स्वच्छता, सुरक्षित शौचालय और उचित अपशिष्ट प्रबंधन के तरीकों की समस्या को सुलझाने की बहुत आवश्यकता है। भारत के प्रधानमंत्री, नरेंन्द्र मोदी ने, 2014 में भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण के दौरान ‘स्वच्छ भारत’ पर जोर दिया था, हालांकि, ये मिशन 2 अक्टूबर 2014 के सफलतापूर्वक शुरु किया था। इस मिशन को 2019 तक, बापू की 150वीं वर्षगांठ तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस मिशन का लक्ष्य स्वच्छता सुविधाओं को उपलब्ध कराने के साथ ही 2019 तक लोगों के लिए अस्वथ्यकारी प्रथाओं को खत्म करना है। भारत के प्रधानमंत्री के द्वारा 25 सितम्बर 2014 को, पहला स्वच्छता कार्य शुरु किया गया था। ये भारत में सबसे बड़े अभियान के रुप में गिना जाता है जो अब चारों तरफ फैल (वायरल) गया है।
ये उचित स्वास्थ्य और स्वच्छता भारत के बारे में वैश्विक धारणा को बदलने की क्षमता रखता है और हर साल बहुत से पर्यटकों को भारत में आने के लिए प्रभावित कर सकता है, जिससे एक अर्थ में भारत की बड़े स्तर पर आर्थिक वृद्धि होगी। इस अभियान के दौरान, प्रत्येक भारतीय नागरिक से हर साल अपने 100 घंटे भारत की सफाई के लिए देने का अनुरोध किया गया। सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए, 15 अगस्त 2015 तक, पूरे भारत के प्रत्येक स्कूल और कॉलेज में लड़कों और लड़कियों के लिए अलग शौचालय बनाने का नियम बनाया गया है। एक विद्यार्थी के रुप में, इससे भी अधिक एक भारतीय नागरिक के रुप में, यहाँ एकत्र हुए सभी लोगों से इस अभियान को 2019 तक सफल बनाने के लिए, मैं भी अनुरोध करता/करती हूँ।
जय हिन्द, जय भारत
स्वच्छ भारत, सशक्त भारत।
Answered by
2
Explanation:
I hope this answer will help you
pls mark me brilliant pls only request.....
Attachments:
Similar questions