swachh bharat swasth bharat in hindi essay on wikipedia
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लेकिन कुछ वर्षो बाद इस स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा पुनः आरम्भ किया गया जो की महात्मा गांधी के 150 वीं जयंती तक समाप्त होने का अनुमान है| यह महात्मा गांधी की 145 वीं जयंती पर 2 अक्टूबर 2014 में शुरू किया गया। यह भारत के सभी नागरिकों के लिए एक बड़ी चुनौती है। यह तभी संभव है जबकि भारत में रहने वाला हर व्यक्ति इस अभियान के लिए अपनी जिम्मेदारी को समझे हैं और इसे एक सफल मिशन बनाने के लिए एक साथ होकर पूरा करने की कोशिश करे। प्रसिद्ध भारतीय हस्तियों ने इसकी पहल की और पूरे भारत से एक जागरूकता कार्यक्रम के रूप में इसका प्रसार किया| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश में सरकारी कार्यालयों में चबाने वाले पान, गुटखा और अन्य तम्बाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
2 अक्टूबर को चार साल पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता अभियान का एक जनांदोलन आरंभ किया था जो किसी भी समुदाय या स्थान के समग्र विकास के लिए अति आवश्यक है और अब उसको चार वर्ष पूरे हो गये। इन बीते चार वर्षो में समस्त भारतवासी स्वच्छ भारत क्रांति के दूत बन चुके हैं। देश के हर कोने में समाज के हर वर्ग के लोगों ने स्वच्छ भारत के महान उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए जो भी कर सकते है जितना कर सकते है क्षमता से कभी कभी अधिक करने का प्रयास लिया। World Health Organization (WHO) ने भी सिर्फ स्वच्छ भारत मिशन से टॉयलेट के उपयोग से ही करीब तीन लाख मासूमों का जीवन बचने की सम्भावना जताई हैं।
इस अभियान के द्वारा साफ – सफाई की महत्ता और जागरूकता का संदेश प्रसारित करना है ताकि हर भारतीय इसे चुनौती और संकल्प की तरह ले तभी वे भारत देश को विश्व का सबसे स्वच्छ और सबसे स्वस्थ देश बना सकते है | इस दृष्टि से स्वच्छ भारत मिशन की मुहीम आज तक के स्वच्छता से सम्बन्धित किए गए आंदोलनों में सबसे बड़ा आंदोलन है |
सरकार ने इस सफाई आंदोलन को महात्मा गांधी जी के स्वप्न स्वच्छ भारत सुंदर भारत से जोड़ा क्योंकि महात्मा गांधी इस बात पर बहुत बल देते थे कि साफ़ – सफाई का कार्य मनुष्य स्वयं करे जो सफाई नहीं करता वह पाप करता है | वे स्वच्छता के कार्यों के बड़े समर्थक थे |
गांधी जी का कहना था “किसी परिवार के सदस्य खुद के घर को तो साफ़ रखते हैं लेकिन पड़ोसी के घर के बारे में उनकी कोई रूचि नहीं होती |”
गांधी जी के चश्में के गोलाकार फ्रेम में लिखा स्वच्छ भारत इस अभियान को और भी आकर्षक बना देता है | इसके बावजूद भारत को स्वच्छ करने और अभियान को सफल बनाने के लिए मोदी जी ने कला, साहित्य, संस्कृति और खेल से जुड़े लोगों को इस अभियान से जोड़ा ताकि स्वच्छता के महत्व से अनजान लोगों को जागरूक किया जा सके |
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