Swachh pathshala on essay writing
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आज के इस आधुनिक युग में हम सभी को चाहिए कि हम हमारे चारों ओर के वातावरण को स्वच्छ रखें,हम विद्यालय को स्वच्छ रखें.दरह्सल हर एक इंसान के जीवन की शुरुआत होती है विद्यालय से.हर एक बच्चा विद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने के लिए जाता है उस विद्यालय में अन्य छात्रों एवं अध्यापकों से मिलता है एक बच्चा जो कुछ भी नहीं जानता उसके जीवन की शुरुआत विद्यालय से ही होती है विद्यालय मैं गुरु के द्वारा बताए गए ज्ञान के आधार पर हर एक विद्यार्थी में इतनी समझ आती है कि वह सही और गलत को समझ सकता है विद्यार्थी के लिए विद्यालय सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है हर किसी को चाहिए की विद्यालय को स्वच्छ रखें क्योंकि जब विद्यालय स्वच्छ होगा तभी बच्चे एक अच्छी जिन्दगी जी सकेगी और जीवन में स्वच्छता के लिए बहुत कुछ कर सकेंगे,वह अपने देश को हमेशा स्वच्छ रखने के लिए प्रयास कर सकेंगे.विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने के लिए अलग-अलग कक्षाएं प्रयोगशालाएं एवं पुस्तकालय होती हैं कक्षा में बच्चों को कोई पाठ पढ़ाया जाता है तो वही प्रयोगशाला में तरह-तरह के प्रयोग दिखाए जाते हैं तथा अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए कोई भी विद्यार्थी पुस्तकालय में अच्छी अच्छी शिक्षाप्रद पुस्तकें भी पड़ सकता है लेकिन इस क्षेत्र को स्वच्छ रखना बहुत जरूरी है अगर पुस्तकालय,कक्षा आदि में स्वच्छता होगी तो पढ़ाई करने में भी विद्यार्थियों का मन लगेगा और उनका स्वास्थ्य ठीक रहेगा.
अपने स्कूल की कक्षाओं आदि को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी सभी की है वैसे तो विद्यालय को स्वच्छ रखने के लिए कुछ लोग रखे जाते हैं लेकिन इसी के साथ में विद्यार्थियों का भी कर्तव्य होता है कि वह अपने कक्षाओं,पुस्तकालय, प्रयोगशालाओं आदि में गंदगी ना फैलाएं अगर उसमें गंदगी फैलती है तो उसकी सफाई भी वह करें क्योंकि उनके जीवन की शुरुआत उनके विद्यालय से होती है विद्यालय में बच्चे,बच्चियों की सुविधाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था की जाती है हर एक विद्यार्थी का कर्तव्य है कि वह अपने शौचालय को अस्वच्छ ना करें क्योंकि वोही उसका उपयोग करते हैं उसकी स्वच्छता का ख्याल रखें और जहां पर पानी भरा हो या हम जहां से पानी लेते हैं वहां पर व्यर्थ का पानी फैलाकर चारों ओर गंदगी ना फैलाएं क्योंकि हर एक विद्यार्थी का कर्तव्य होता है कि अपने वातावरण को,अपने चारों ओर की स्कूल की कक्षाओं को स्वच्छ रखें.
अपने स्कूल की कक्षाओं आदि को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी सभी की है वैसे तो विद्यालय को स्वच्छ रखने के लिए कुछ लोग रखे जाते हैं लेकिन इसी के साथ में विद्यार्थियों का भी कर्तव्य होता है कि वह अपने कक्षाओं,पुस्तकालय, प्रयोगशालाओं आदि में गंदगी ना फैलाएं अगर उसमें गंदगी फैलती है तो उसकी सफाई भी वह करें क्योंकि उनके जीवन की शुरुआत उनके विद्यालय से होती है विद्यालय में बच्चे,बच्चियों की सुविधाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था की जाती है हर एक विद्यार्थी का कर्तव्य है कि वह अपने शौचालय को अस्वच्छ ना करें क्योंकि वोही उसका उपयोग करते हैं उसकी स्वच्छता का ख्याल रखें और जहां पर पानी भरा हो या हम जहां से पानी लेते हैं वहां पर व्यर्थ का पानी फैलाकर चारों ओर गंदगी ना फैलाएं क्योंकि हर एक विद्यार्थी का कर्तव्य होता है कि अपने वातावरण को,अपने चारों ओर की स्कूल की कक्षाओं को स्वच्छ रखें.
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- Educational institutions are the best places to instill values in the impressionable minds of the children. Hence, value building and character building should be commenced at schools. Though the importance of cleanliness is taught at school since the early classes, children should be given hands-on experience and training in maintaining cleanliness.
- The schools should involve the students in maintaining cleanliness at school. Students should manage the cleanliness of their own respective classes. In some of the schools, it is the duty of school children to maintain cleanliness of their own classes. This practice is purely done with the purpose of inculcating a sense of responsibility in them and to make them sensitive and aware of the importance of cleanliness.
- As the entire nation is abuzz with the cleanliness drives and campaigns under the impetus of ‘Swachch Bharat Abhiyan’ launched by the Honorable Prime Minister of India, Mr. Narendera Modi, students can do phenomenal work in making cleanliness a successful campaign. In order to maintain cleanliness at school, students should make cleanliness monitoring committees consisting of some prefects in every class. They should not let any student throw litter either in the class or anywhere else in the school campus. These committees should work in coordination with teachers, vice-principals, and the principals.
- Secondly, they can make groups and go to those colonies where plots are being used as dumping grounds and reason with people. They can form teams and carrying posters depicting negative effects of garbage on the people living in the surroundings and general environment, they can hold seminars or street plays to sensitize people to myriad health related problems caused by the garbage mounds.
- Thus, schools can literally become the epicenters of this cleanliness revolution. This massive goal can only be accomplished with the mass participation of the people and students and young children are the best bet in this regard.
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