swachhata or swasth jiwan essay in hindi language
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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भारत की स्वतंत्रता से पहले अपने समय के दौरान "स्वच्छता आजादी से अधिक महत्वपूर्ण है" कहा था। वे भारत के बुरे और गन्दी स्थिति से अच्छी तरह परिचित थे| उन्होंने भारत के लोगों को साफ-सफाई और स्वच्छता के बारे और इससे अपने दैनिक जीवन में शामिल करने पे बहोत जोर दिया था। हालांकि यह लोगो के कम रूचि के कारण असफल रहा। भारत की आजादी के कई वर्षों के बाद, सफाई के प्रभावी अभियान के रूप में इसे आरम्भ किया गया है और लोगो के सक्रिय भागीदारी चाहती है जिससे इस मिशन को सफलता मिले।
भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जून 2014 में संसद को संबोधित करते हुए कहा कि "एक स्वच्छ भारत मिशन शुरू किया जाएगा जो देश भर में स्वच्छता, वेस्ट मैनेजमेंट और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए होगा। यह महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर 2019 में हमारे तरफ से श्रद्धांजलि होगी"। महात्मा गांधी के सपने को पूरा करने और दुनिया भर में भारत को एक आदर्श देश बनाने के क्रम में, भारत के प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी के जन्मदिन (2 अक्टूबर 2014) पर स्वच्छ भारत अभियान नामक एक अभियान शुरू किया। इस अभियान के पूरा होने का लक्ष्य 2019 है जो की महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती है|
इस अभियान के माध्यम से भारत सरकार वेस्ट मैनेजमेंट तकनीकों को बढ़ाने के द्वारा स्वच्छता की समस्याओं का समाधान करेगी। स्वच्छ भारत आंदोलन पूरी तरह से देश की आर्थिक ताकत के साथ जुड़ा हुआ है। महात्मा गांधी के जन्म की तारीख मिशन के शुभारंभ और समापन की तारीख है। स्वच्छ भारत मिशन शुरू करने के पीछे मूल लक्ष्य, देश भर में शौचालय की सुविधा देना, साथ ही दैनिक दिनचर्या में लोगों के सभी अस्वस्थ आदतो को समाप्त करना है। भारत में पहली बार सफाई अभियान 25 सितंबर 2014 में शुरू हुयी और इसका आरम्भ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सड़क की सफाई से की गयी|
इस मिशन की सफलता परोक्ष रूप से भारत में व्यापार के निवेशकों का ध्यान आकर्षित करना, जीडीपी विकास दर बढ़ाने के लिए, दुनिया भर से पर्यटकों को ध्यान खींचना, रोजगार के स्रोतों की विविधता लाने के लिए, स्वास्थ्य लागत को कम करने, मृत्यु दर को कम करने, और घातक बीमारी की दर कम करने और भी कई चीजो में सहायक होंगी। स्वच्छ भारत अधिक पर्यटकों को लाएगी और इससे आर्थिक हालत में सुधार होगी। भारत के प्रधानमंत्री ने हर भारतीय को 100 घंटे प्रति वर्ष समर्पित करने के लिए अनुरोध किया है जोकि 2019 तक इस देश को एक स्वच्छ देश बनाने के लिए पर्याप्त है|