Hindi, asked by supremesumit, 7 months ago

swarachit kavita in hindi of 20-30 lines i will mark answer brainliest if the poem will be self composed​

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Answered by someone2007
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Chand Ko Kuch Ho Gya

चाँद को कुछ हो गया है।

चाँद को कुछ हो गया है।मैंने देखा था पिछली पूर्णिमा को

चाँद को कुछ हो गया है।मैंने देखा था पिछली पूर्णिमा कोतब इसका मुंह टेढ़ा नहीं था

चाँद को कुछ हो गया है।मैंने देखा था पिछली पूर्णिमा कोतब इसका मुंह टेढ़ा नहीं थाअब हो गया है।

चाँद को कुछ हो गया है।मैंने देखा था पिछली पूर्णिमा कोतब इसका मुंह टेढ़ा नहीं थाअब हो गया है।पहले तो यह पूरा था

चाँद को कुछ हो गया है।मैंने देखा था पिछली पूर्णिमा कोतब इसका मुंह टेढ़ा नहीं थाअब हो गया है।पहले तो यह पूरा थाफिर आधा बचा

चाँद को कुछ हो गया है।मैंने देखा था पिछली पूर्णिमा कोतब इसका मुंह टेढ़ा नहीं थाअब हो गया है।पहले तो यह पूरा थाफिर आधा बचाअब तो बस थोड़ा रह गया है।

चाँद को कुछ हो गया है।मैंने देखा था पिछली पूर्णिमा कोतब इसका मुंह टेढ़ा नहीं थाअब हो गया है।पहले तो यह पूरा थाफिर आधा बचाअब तो बस थोड़ा रह गया है।चांद को कुछ हो गया है।

चाँद को कुछ हो गया है।मैंने देखा था पिछली पूर्णिमा कोतब इसका मुंह टेढ़ा नहीं थाअब हो गया है।पहले तो यह पूरा थाफिर आधा बचाअब तो बस थोड़ा रह गया है।चांद को कुछ हो गया है।मैं परेशान था कि एक दिन यह चला जाएगा।

चाँद को कुछ हो गया है।मैंने देखा था पिछली पूर्णिमा कोतब इसका मुंह टेढ़ा नहीं थाअब हो गया है।पहले तो यह पूरा थाफिर आधा बचाअब तो बस थोड़ा रह गया है।चांद को कुछ हो गया है।मैं परेशान था कि एक दिन यह चला जाएगा।किसी ने कहा डांट कर तू पागल है

चाँद को कुछ हो गया है।मैंने देखा था पिछली पूर्णिमा कोतब इसका मुंह टेढ़ा नहीं थाअब हो गया है।पहले तो यह पूरा थाफिर आधा बचाअब तो बस थोड़ा रह गया है।चांद को कुछ हो गया है।मैं परेशान था कि एक दिन यह चला जाएगा।किसी ने कहा डांट कर तू पागल हैयह तो अगली पूर्णिमा को फिर पूरा आएगा।

पर वह मेरी परेशानी का कारण ही नहीं समझे

पर वह मेरी परेशानी का कारण ही नहीं समझेमैं परेशान यूं नहीं था कि

पर वह मेरी परेशानी का कारण ही नहीं समझेमैं परेशान यूं नहीं था किचाँद का मुंह टेढ़ा हो रहा है।

पर वह मेरी परेशानी का कारण ही नहीं समझेमैं परेशान यूं नहीं था किचाँद का मुंह टेढ़ा हो रहा है।या कि वह घटकर थोड़ा हो रहा है।

पर वह मेरी परेशानी का कारण ही नहीं समझेमैं परेशान यूं नहीं था किचाँद का मुंह टेढ़ा हो रहा है।या कि वह घटकर थोड़ा हो रहा है।या कि धरती पर अंधेरा हो रहा है।

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