Hindi, asked by 1234harshitshaw, 1 year ago

swarg bana sakte hai kavita ka uddeshya
sparsht kare?

Answers

Answered by myprofile88
78


स्वर्ग बना सकते है कविता को श्री रामधारी सिंह दिनकर जी द्वारा लिखी गया था। यह कविता उनकी सुप्रसिद्ध कविता है।
यह एक तुलनात्मक कविता है क्योंकि प्रस्तुत कविता में कवि ने अपने देश की तुलना स्वर्ग से किया है। कवि का मानना है कि हम सभी का जन्म समान रूप से हुआ है ।ईश्वर ने हमें एक तरह से बनाया है और साथ ही इस धरती ,वायु ,प्रकाश, पेड़-पौधों आदि का उपयोग करने के लिए भी हमें दिया है ।

परन्तु कुछ मनुष्यों का लोभ लालच इतना हो बढ़ गया है कि वह इस धरती पर अपना कब्जा जमा रहे और समाज में अन्याय को जन्म दे रहे हैं। हमारे देश में किसी प्रकार की भाषा ,धर्म ,जाति ,रंग आदि के नाम पर कोई भेद -भाव न हो इस बात पर कवि जोड़ देते हैं। सभी देशवासियों को न्यायोचित सुख मिले ।सभी का समान अधिकार हो .किसी प्रकार का संघर्ष या दंगे न हो कवि यह संदेश देते हैं।

कवि के अनुसार आदर और प्रेम के आधार पर हम इस देश व सारी धरती को स्वर्ग के समान बना सकते हैं क्योंकि बदलाव हम ही ला सकते हैं।
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myprofile88: please make my answer brilliant.
Answered by dgmellekettil
5

Answer:

रामधारी सिंह दिनकर की कविता "स्वर्ग बना सकते हैं" के माध्यम से कवि का उद्देश्य समानता को समाज में विकसित करना है।

Explanation:

  • देश से धर्म, जाति,रंग,रूप,और भाषा के नाम पर जो राजनीति चलती रही है उसे मिटाने का उद्देश्य है।उस न्यायोचित सुख के पक्षधर हैं जिसके वे अधिकारी है।
  • कवि समानता का महत्व देते हुए कहते हैं कि कि जब धरती पर प्रचुर मात्रा में सुख के साधन उपलब्ध है, अगर हम इन सुख के साधनों का उपयोग समानता के भाव से करेंगे , तो हमारी धरती भी स्वर्ग जैसी सुन्दर बन जाएगी।
  • समता के अभाव में असंतोष उपर हो रहा है और असंतोष के कारण अशांति होगी ।
  • अन्याय के विरुद्ध मानवता का आंदोलन तब तक कम नहीं होता जब तक किसी प्रकृति प्रदत्त संसाधनों का उपयोग करने का अधिकार सबको समान रूप से नहीं मिल जाता।
  • अगर समाज में प्रत्येक मनुष्य में संतोष की भावना,, असंतोष और अशांति मिटानी है तो समानता का अधिकार  सबको देना होगा। ,तभी हम धरती को स्वर्ग बना सकते हैं।
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