Hindi, asked by saumhra6776, 1 year ago

Swarth manushya ko andha kar deta hai

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Answered by Anonymous
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बड़ौत (बागपत)। नई मंडी स्थित जैन स्थानकवासी धर्मशाला में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन श्रद्धालुओं को प्रवचन करते हुए श्रीधर महाराज ने कहा कि धन-दौलत के लोभ में फंसकर मनुष्य अपनों का दुश्मन बन चुका है, जिसका मकसद सिर्फ स्वार्थ पूरा करना है।

महाराज ने कहा कि मनुष्य को दूसरों के दुखों से कोई वास्ता नहीं है उसे तो सिर्फ अपना स्वार्थ पूरा करना है। अज्ञानी मनुष्य यह नहीं जानता कि उसका स्वार्थ कितने लोगों के लिए मुसीबत बनता है। ऐसे मनुष्य का जीवन कभी सफल नहीं हो सकता। कहा कि दान करने से कभी धन-दौलत कम नहीं होती। दीन-दुखियों की सेवा से ईश्वर प्रसन्न होते हैं। राकेश सिंघल, विनोद, प्रमोद, हरवीर, सुनीता, मुनेश, सरिता, पिंकी, डोली, अर्चना और प्रीति आदि मौजूद थे।

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Answered by Priatouri
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स्वार्थ मनुष्य को अँधा कर देता है विषय पर हमारे विचार निम्नलिखित है।

Explanation:

स्वार्थ मनुष्य को अँधा कर देता है विषय पर हमारे विचार निम्नलिखित है:

  • स्वार्थी इंसान को मतलबी बना देता है। स्वार्थी इंसान हमेशा अपने बारे में ही सोचता है और वह हर एक चीज में अपने फायदे के बारे में ही सोचता है।
  • स्वार्थी इंसान किसी भी व्यक्ति की भावना का ख्याल नहीं करते हैं और केवल अपने ही हित के बारे में सोचते हैं।
  • स्वार्थी इंसान दूसरे व्यक्ति को अपने कार्य से ठेस पहुंचा आते समय भी जरा कुछ नहीं सोचते हैं और केवल अपने भलाई अपने फायदे के बारे में ही सोचते हैं।
  • इस प्रकार कहा जा सकता है कि स्वार्थी इंसान को अँधा कर देता है।

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