swast samaj mei chatra ka dayitva pe nibhand in hindi
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रूपरेखा : प्रस्तावना - छात्र जीवन - छात्रों से समाज की अपेक्षा - एक छात्र का कर्तव्य - समाज के लिए छात्र क्या कर सकते हैं - उपसंहार।
परिचय / छात्र और सामाजिक सेवा का प्रस्तावना -
छात्र समाज में बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे ऊर्जा और नए विचारों से परिपूर्ण होते हैं। वे अपने चारों ओर बड़े परिवर्तन का नेतृत्व कर सकते हैं। अपने ज्ञान की सहायता से वे दूसरों के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं। ऐसे ही क्षेत्रों में से एक क्षेत्र सामाजिक सेवाओं का है। वे इसके लिए काफी योगदान कर सकते हैं। वे अपने समाज का उत्थान कर सकते हैं।
छात्र जीवन -
एक समय आता है जब बालक या युवक किसी शिक्षा-संस्था में अध्ययन करता है, वह जीवन ही 'छात्र जीवन' है । कमाई की चिंता से मुक्त अध्ययन का समय ही छात्र-जीवन है। भारत की प्राचीन विद्या-विधि में पचीस वर्ष की आयु तक छात्र घर से दूर आश्रमों में रहकर विविध विद्याओं में निपुणता प्राप्त करता था, किन्तु देश की परिस्थिति-परिवर्तन से यह प्रथा गायब हो गई। इसका स्थान विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों ने ले लिया। इन तीनों संस्थाओं में जब तक बालक या युवक पढ़ते है, वह छात्र कहलाते है। उसकी अध्ययन पद में उसका जीवन 'छात्र-जीवन' नाम से नामांकित किया जाता है।
छात्रों से समाज की अपेक्षा | छात्रों से समाज की क्या उम्मीदें है -
छात्रों से समाज की अपेक्षा अधिक है क्योंकि हमारे देश में बहुत-से गाँव और शहर हैं जहाँ अच्छे विद्यालयों का अभाव है। ऐसे स्थानों में छात्र अपने अवकाश के दौरान जाकर बच्चों को पढ़ा सकते हैं। वे अपने क्षेत्र के गरीब बच्चों और वयस्कों को भी पढ़ा सकते हैं। यह देश की साक्षरता-दर बढ़ाएगी। वे स्वच्छता, स्वास्थ्य-विज्ञान, पोषण आदि-जैसे विषयों के प्रति लोगों को जागरूक बना सकते हैं। वे सामूहिक स्वच्छता कार्यक्रम चला सकते हैं। यह पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान करेगा और प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ रहेगा। लोग डॉक्टरों और दवाओं से छुटकारा पाएँगे यही उम्मीद समाज की छात्रों से है।