CBSE BOARD XII, asked by mohanchauhansingh987, 5 months ago

swasthya jeevashaili k liye yog kis prakar sahayak h ? inki vyakhya kre​

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Answered by Anonymous
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Explanation:

योगाभ्यास करते समय योग के अभ्यासी को नीचे दिए गए दिशा निर्देशों एवं सिद्धांतों का पालन अवश्य करना चाहिए :

शौच - शौच का अर्थ है शोधन , जो योग अभ्यास के लिए यह एक महत्वपूर्ण एवं पूर्व अपेक्षित क्रिया है। इसके अन्तर्गत आस पास का वातावरण, शरीर एवं मन की शुद्धि की जाती है। योग का अभ्यास शांत वातावरण में आराम के साथ शरीर एवं मन को शिथिल करके किया जाना चाहिए।

योग अभ्यास करते समय खाली पेट अथवा अल्पाहार लेकर करना चाहिए। यदि अभ्यास के समय कमजोरी महसूस करें तो गुनगुने जल में थोड़ी सी शहद मिलाकर लेना चाहिए।

योग अभ्यास मल एवं मूत्र का विसर्जन करने के उपरान्त प्रारम्भ करना चाहिए।

अभ्यास करने के लिए चटाई, दरी, कंबल अथवा योग मैट का प्रयोग करना चाहिए।

अभ्यास करते समय शरीर की गतिविधि आसानी से हो, इसके लिए हल्के सूती और आरामदायक वस्त्रों को प्राथमिकता के साथ धारण करना चाहिए।

थकावट, बीमारी, जल्दबाजी एवं तनाव की स्थितियों में योग नहीं करना चाहिए।

यदि पुराने रोग, पीड़ा एवं हृदय संबंधी समस्याएं है तो ऐसी स्थिति में योग अभ्यास शुरू करने के पूर्व चिकित्सक अथवा

योग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।

गर्भावस्था एवं मासिक धर्म के समय योग करने से पहले योग विशेषज्ञ से पराम र्श किया जाना चाहिए।

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