Swatantrata andolan me rani laxmi bai ka yogdan
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मीरजापुर : राष्ट्रीय जागरण मंच के कार्यालय में स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाली प्रथम महिला क्रांतिकारी लक्ष्मीबाई का जन्मदिन श्रद्धाभाव से मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मंच के अध्यक्ष गुलाबधर दुबे के लक्ष्मीबाई के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुई।
सचिव अरुण प्रकाश दुबे ने कहा कि स्वतंत्रता के लिए प्रयास अंग्रेजी कम्पनी के बढ़ते प्रभुत्व के साथ ही शुरू हो गया था। संगठित प्रयास 1857 में हुआ। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नाना साहब, तात्याटोपे के साथ लक्ष्मीबाई का अतुलनीय योगदान रहा। देशभक्त प्रजाजनों एवं संगठित सेना के बल पर युद्ध में अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। इंद्रजीत शुक्ल ने कहा कि बहुत से नरेशों ने प्रथम संग्राम में भाग लिया। रानी के अद्भुद प्रजा रंजन के कारण ही पूरा झांसी राज्य तन,मन व धन से उस लड़ाई में लगा था। अनुज प्रताप सिंह ने कहा कि संग्राम में नारियों का आगे आकर लड़ना रानी के प्रजा पालन की देन थी। सच्चिदानंद ने कहा कि रानी अन्य राजाओं को विपरीत प्रजा को अपना पुत्र समझती थी। उनमें सैन्य कला संगठन क्षमता थी। कार्यक्रम में अजिता श्रीवास्तव और नारायण उपाध्याय ने 'खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी' का सस्वर पाठ किया। इस मौके पर मुन्नी लाल, मु.चांद, विष्णु, मनोहर, प्रमोद, उत्कर्ष आदि थे।
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