Hindi, asked by gau0timapatel, 1 year ago

Swatantrata andolan me sarojini naidu ka yogdan

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Answered by VRAAA
270

सरोजिनी नायडू बचपन से ही बहुत बुद्धिमान थी और छोठी उम्र में ही पदाई शुरू कर दी। उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड भी गईं। १९१४ में वे पहली बार गाँधी जी से मिलीं और उनके विचारों से प्रभावित हो गईं। तब से उन्होंने अपने आप को देश के लिए समर्पित कर दी। सरोजिनी नायडू एक अच्छे सेनाप्ति थे। उन्होंने अपनी प्रतिभा का प्रभाव हर क्षेत्र में दिखाया, जैसे सत्याग्रह , संगटन। उन्होंने कईं राष्ट्रीय आन्दोलनों में नेतृत्व करते हुए भाग लिया और उसके कारण जेल भी गईं।

सरोजिनी नायडू गाँव गाँव जाकर देश-प्रेम का अलख जगाती थीं तथा लोगों को अपने कर्तव्य निभाने को जगाती थीं। उनकी बातें जनता पर इतनी असरदार थीं कि वे देश के लिए अपना सब, यहाँ तक जान भी देने के लिए तैयार हो जातें थे। उनका भाषण बहुत प्रभावशाली था, प्रेरित करने में। वे अलग अलग भाषा जानती थीं और क्षेत्र के अनुसार, उस जगह की भाषा में भाषण देतीं थीं। लन्दन में तो उन्होंने अंग्रेजी भी बात करके सभा के सभी श्रोताओं को आकर्षित कर दिया था।

सरोजिनी नायडू एक धीर वीरांगना थीं और कभी संकटों से घबराती नहीं थीं। 

Answered by hackeranshuman28
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Answer:

प्रस्तावना

स्वतंत्रता दिवस, 15 अगस्त, भारत के नागरिकों के लिए एक विशेष महत्व रखता है। यह वह दिन है जो हमे स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदानों की याद दिलाता है। यह हमारे अंदर देशभक्ति की भावना के साथ देश के लिए कुछ कर दिखाने की भावना को भी उत्तेजित करता है।

स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान

भारत दशकों से ब्रिटिश शासन के अधीन था। उस दौरान अंग्रेजों के अत्याचार समय के साथ बढ़ते चले जा  रहे थे। बाल गंगाधर तिलक, शहीद भगत सिंह,  महात्मा गांधी, सरोजिनी नायडू, रानी लक्ष्मी बाई और सुभाष चंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के नेतृत्व में, भारत के नागरिको ने एकजुट होकर अपनी आजादी के लिए संघर्ष किया। स्वतंत्रता सेनानियों के नेतृत्व द्वारा बहुत से आंदोलनों, स्वतंत्रता संग्रामों की शुरुआत की गई। इन आंदोलनों के कारण कई लोगों को अपने प्राणों की आहुती देनी पड़ी तो कईयों को जेल जाना पड़ा, हालांकि, फिर भी लोगों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़ने की अपनी इस भावना को नहीं छोड़ा। स्वतंत्रता दिवस पर यह हमें उनके उन बलिदानों की याद दिलाता है और हमारे देश के नागरिकों के लिए विशेष महत्व रखता है।

आजादी का जश्न मनाएं पर सादगी के साथ

स्वतंत्रता दिवस को हमारे आजादी के जश्न मनाने के लिए एक विशेष दिन के रुप में मनाया जाता है। भारत के नागरिक तथा स्वतंत्रता सेनानियों ने इस दिन हमारे देश को अंग्रेजो के अत्याचार से मुक्त कराने के लिए कड़ी मेहनत की थी।

इसलिए यह दिन हमें हमारी सादगी और वास्तविकता के करीब होने के महत्व की भी याद दिलाता है। यह हमे ऊंचे उड़ान भरने और स्वतंत्र महसूस करने के बावजूद भी बुनियादी रहने के लिए प्रेरित करता हैं।

निष्कर्ष

भारत के लोग उन लोगों के आभारी हैं जिन्होंने अपने देश की आजादी में अपना योगदान दिया। प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को हम भारतीय स्वतंत्रता दिवस मनाते आजादी, जो हमारी इतनी कठिनतापूर्वक प्राप्त आजादी को दर्शाता हैं, इसीलिए यह दिन हर भारतीय के लिए विशेष महत्व रखता है।

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