swatantrata diwas par speech hindi me 2020 ke situation ke anusar. please answer
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हमारा स्वतंत्रा दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है इस दिन हमारा देश ब्रिटिश से आजाद हुआ था उस दिन हमें
भाषण 2. 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर भाषण Independence Day Speech (1000 Words)
मेरे सभी प्यारे शिक्षकों, अभिभावकों, सहपाठियों और यहाँ उपस्तिथ सभी सज्जनों को मैं स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई देता हूँ। आज हम सभी यहाँ देश का 73वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए उपस्तिथ हुए है।
मैं अपने क्लासटीचर का बहुत आभारी हूँ जिन्होंने मुझे देश की आजादी पर अपने विचार रखने का मौका दिया। हमारे जीवन में आज का दिन बहुत महत्व रखता है क्यूंकि इसी दिन हमारे देश को आजादी मिली थी। ये वो दिन है जब हमे विदेशी हुकुमत की गुलामी से आजादी मिली और खुली हवा में साँस लेना का मौका मिला।
15 अगस्त के दिन हम उन सभी लोगो को याद करते है जिन्होंने हँसते हँसते अपने प्राणों की आहुति दे दी पर देश को आजाद करवा दिया। अगर वो बलिदान न करते तो शायद आज भी हम गुलाम होते। 15 अगस्त 1947 के दिन हमारे देश को आजादी मिली थी।
इस दिन 45 करोड़ भारतवासियों को विदेशी हुकुमत से आजादी मिली। 14 अगस्त 1947 की रात्रि को पंडित जवाहरलाल नेहरु ने अपने भाषण “ट्रिस्ट विद डेस्टिनी (नियति से साक्षात्कार)” में हमारी आजादी की औपचारिक घोषणा की थी।
अगली सुबह 15 अगस्त 1947 को उन्होंने लाल किले पर तिरंगा फहराया था और देश ने पहली बार आजादी की खुली हवा में साँस ली। वो दिन भारत के इतिहास का एक स्वर्णिम दिन था। 200 सालो की दास्ता के बाद हमारा देश आजाद हो गया था।
अपने पहले भाषण में पंडित नेहरु ने कहा था-
“आज हम दुर्भाग्य के एक युग का अंत कर रहे हैं और भारत पुनः खुद को खोज पा रहा है। आज हम जिस उपलब्धि का उत्सव मना रहे हैं, वो महज एक क़दम है, नए अवसरों के खुलने का। इससे भी बड़ी जीत और उपलब्धियां हमारी प्रतीक्षा कर रही हैं”
भारत की सेवा का अर्थ है लाखों-करोड़ों पीड़ितों की सेवा करना। इसका अर्थ है ग़रीबी, अज्ञानता, और अवसर की असमानता मिटाना। हमारी पीढ़ी के सबसे महान व्यक्ति की यही इच्छा है कि हर आँख से आंसू मिटे। शायद ये हमारे लिए संभव न हो पर जब तक लोगों कि आंखों में आंसू हैं, तब तक हमारा काम ख़त्म नहीं होगा।
आज एक बार फिर वर्षों के संघर्ष के बाद, भारत जागृत और स्वतंत्र है। भविष्य हमें बुला रहा है। हमें किधर जाना चाहिए और हमें क्या करना चाहिए, जिससे हम आम आदमी, किसानों और कामगारों के लिए आज़ादी और अवसर ला सकें, हम ग़रीबी, हम एक समृद्ध, लोकतान्त्रिक और प्रगतिशील देश बना सकें। हम ऐसी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक संस्थाओं को बना सकें जो हर आदमी-औरत के लिए जीवन की परिपूर्णता और न्याय सुनिश्चित कर सके? कोई भी देश तब तक महान नहीं बन सकता जब तक उसके लोगों की सोच या कर्म संकीर्ण हैं”
प्यारे साथियों, इस आजादी को पाने के लिए अनेक देशभक्तों ने अपना बलिदान दिया है। मंगल पांडे, सुभाषचंद्र बोस, रामप्रसाद बिस्मिल, राजगुरु, चन्द्रशेखर आजाद, भगतसिंह, रानीलक्ष्मी बाई, महात्मा गांधी जैसे लोगो के बलिदान को हम कभी नही भूल सकते हैं। इस आज़ादी को पाने के लिए हमे लम्बी लड़ाई लड़नी पड़ी है इसलिए हमे इसका पूरा सम्मान करना चाहिये।
सुचेता कृपलानी ने 14 अगस्त की रात 11 बजे राष्ट्रगीत “वंदेमातरम्” सभा में गया था। “पराधीन सपनेहु सुख नाही” अर्थात पराधीनता का जीवन कभी खुशियों भरा नही हो सकता है। कोई भी जीव पराधीन नही होना चाहता है, सभी को आज़ादी प्यारी होती है।
आज हम सभी देशवासी आजादी की खुली हवा में साँस ले रहे है। ये हमारे लिए बड़े ही गर्व की बात है। आज हम हर तरह से स्वतंत्र है। हमें पढ़ने, खेलने, अपना धर्म रखने की स्वतंत्रता है। हमे कही भी रहने, सम्पत्ति खरीदने, शिक्षा पाने की स्वतंत्रता है। आज हमारा देश विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता है जो कि बड़े गर्व की बात है। बिना आजादी के ये कभी सम्भव नही हो पाता।