T
भेस बनाये सूर को, कायर सूर न होय।
खाल उढ़ाए सिंह की, स्यार सिंह नहि होय।। ।।। ka bhao
Answers
Answered by
2
Answer:
इस पंक्तियों के माध्यम से कवि यह कहना चाहता है कि अपने आप को शूरवीर कहने से कोई कायर शूरवीर नहीं हो जाता है जैसे कि सिंह की खाल पहन लेने से सीयार सिंह नहीं हो जाता । अर्थात सच छुपाए नहीं छुपता ।एक ना एक दिन सच सामने आ ही जाता है ।
Hope this will help you.
Please mark it as brainliest.
Answered by
5
Explanation:
This is your answer I think it is helpful to you
Attachments:
Similar questions