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ग) छात्रै
घ) छात्राः
ग) स्वीयते
घ) स्वीयेते
1) अधोलिखितेषु वाक्येषु वाच्यानुसारम् उत्तरत ।
i)
(छात्रा) पाठाः पठ्यन्ते।
क) छात्राभिः
ख) छात्रभिः
ii) वानरैः वृक्षेषु-
(स्था)।
क) स्थीयन्ते
ख) तिष्ठन्ति
iii) अध्यापकः सर्वान्
शिक्ष)
क) शिक्षयति
ख) शिक्षयते
iv) कक्षायाम्-
(छात्र) स्थीयते।
ख) छात्रान्
v) ते कक्षायाम्
-वि + श्वस)।
क) विश्वसन्ति
ख) विश्वस्यते
ग) शिक्षयन्ति
घ) शिक्ष्यन्त
क) छात्रै
ग) छात्राः
घ) छात्र
ग) विश्वसिति
घ) विश्वसति
Answers
Answer:
शिक्षा मानव को एक अच्छा इंसान बनाती है। शिक्षा में ज्ञान, उचित आचरण और तकनीकी दक्षता, शिक्षण और विद्या प्राप्ति आदि समाविष्ट हैं। इस प्रकार यह कौशलों (skills), व्यापारों या व्यवसायों एवं मानसिक, नैतिक और सौन्दर्यविषयक के उत्कर्ष पर केंद्रित है।[1]
अफगानिस्तान के एक विद्यालय में वृक्ष के नीचे पढ़ते बच्चे
शिक्षा, समाज एक पीढ़ी द्वारा अपने से निचली पीढ़ी को अपने ज्ञान के हस्तांतरण का प्रयास है। इस विचार से शिक्षा एक संस्था के रूप में काम करती है, जो व्यक्ति विशेष को समाज से जोड़ने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है तथा समाज की संस्कृति की निरंतरता को बनाए रखती है। बच्चा शिक्षा द्वारा समाज के आधारभूत नियमों, व्यवस्थाओं, समाज के प्रतिमानों एवं मूल्यों को सीखता है। बच्चा समाज से तभी जुड़ पाता है जब वह उस समाज विशेष के इतिहास से अभिमुख होता है।
शिक्षा व्यक्ति की अंतर्निहित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्त्व का विकसित करने वाली प्रक्रिया है। यही प्रक्रिया उसे समाज में एक वयस्क की भूमिका निभाने के लिए समाजीकृत करती है तथा समाज के सदस्य एवं एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए व्यक्ति को आवश्यक ज्ञान तथा कौशल उपलब्ध कराती है। शिक्षा शब्द संस्कृत भाषा की ‘शिक्ष्’ धातु में ‘अ’ प्रत्यय लगाने से बना है। ‘शिक्ष्’ का अर्थ है सीखना और सिखाना। ‘शिक्षा’ शब्द का अर्थ हुआ सीखने-सिखाने की क्रिया।