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1. निम्नलिखित वाक्यों में क्रिया पदों को रेखांकित कर सामने लिखिए-
i.आशीष प्रदीप के साथ आगरा जाता है।
ii. अध्यापक ने डाँटते हुए कहा, 'खड़े हो जाओ।'
i.चलते-चलते यूँ ही कोई मिल गया था।
iv. डर के मारे वह थरथरा रहा था।
v. तुम हमेशा मुझे रुलाकर चले जाते हो।
vi. चले जाओ। फिर लौटकर वापस मत आना।
vii. तुम बहुत मुटिया गए हो।
viii. जज के सामने नंदा ने पिछला बयान झुठला दिया।
ix. चिराग अपनी बात कहकर चुप हो गया।
x. हरिश्चंद्र प्रत्येक व्रत के पश्चात गरीबों को भोजन खिलवाते थे।
Answers
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Answer:
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Explanation:
जिन शब्दों से किसी कार्य का करना या होना व्यक्त हो उन्हें क्रिया कहते हैं। जैसे- रोया, खा रहा, जायेगा आदि। उदाहरणस्वरूप अगर एक वाक्य 'मैंने खाना खाया' देखा जाये तो इसमें क्रिया 'खाया' शब्द है। 'इसका नाम मोहन है' में क्रिया 'है' शब्द है। 'आपको वहाँ जाना था' में दो क्रिया शब्द हैं - 'जाना' और 'था'।
क्रिया के भी कई रूप होते हैं, जो प्रत्यय और सहायक क्रियाओं द्वारा बदले जाते हैं। क्रिया के रूप से उसके विषय संज्ञा या सर्वनाम के लिंग और वचन का भी पता चल जाता है। क्रिया वह विकारी शब्द है, जिससे किसी पदार्थ या प्राणी के विषय में कुछ विधान किया जाता है। अथवा जिस विकारी शब्द के प्रयोग से हम किसी वस्तु के विषय में कुछ विधान करते हैं, उसे क्रिया कहते हैं। जैसे-
1. घोड़ा जाता है।
2. पुस्तक मेज पर पड़ी है।
3. मोहन खाना खाता है।
4 राम स्कूल जाता है।
उपर्युक्त वाक्यों में जाता है, पड़ी है और खाता है क्रियाएँ हैं।
क्रिया के साधारण रूपों के अंत में ना लगा रहता है जैसे-आना, जाना, पाना, खोना, खेलना, कूदना आदि। साधारण रूपों के अंत का ना निकाल देने से जो बाकी बचे उसे क्रिया की धातु कहते हैं। आना, जाना, पाना, खोना, खेलना, कूदना क्रियाओं में आ, जा, पा, खो, खेल, कूद धातुएँ हैं। शब्दकोश में क्रिया का जो रूप मिलता है उसमें धातु के साथ ना जुड़ा रहता है। ना हटा देने से धातु शेष रह जाती है। By: Raj Sarma
अन्य उदाहरणः
1. गीता गाती है।
2. बच्चा खेलता है।
3. श्याम हंसता है।
4. कीड़ा बिलबिलाता है।
5. कुत्ता भोंकता है।
6. सुधांशु शायर है।
7. विकास खाना खाता है।
8. संकल्प मेरा भाई है।
अपूर्ण सकर्मक क्रिया संपादित करें
जिस क्रिया के पूर्ण अर्थ का बोध कराने के लिए कर्ता के अतिरिक्त अन्य संज्ञा या विशेषण की आवश्यकता पड़ती है, उसे अपूर्ण सकर्मक क्रिया कहते हैं। अपूर्ण सकर्मक क्रिया का अर्थ पूर्ण करने के लिए संज्ञा या विशेषण को जोड़ा जाता है, उसे पूर्ति कहते हैं। जैसे- गाँधी कहलाये। - से अभीष्ट अर्थ की प्राप्ति नहीं होती। अर्थ समझने के लिए यदि पूछा जाय कि गाँधी क्या कहलाये? तो उत्तर होगा- गाँधी महात्मा कहलाये। इस प्रकार कहलाये अपूर्ण अकर्मक क्रिया का अर्थ महात्मा शब्द द्वारा स्पष्ट होता है। इस वाक्य में कहलाये अपूर्ण अकर्मक क्रिया और महात्मा शब्द पूर्ति है।
अन्य उदाहरणः
1. भाई शिक्षक हो गया।