तिब्बत के लोगों का रहन सहन खान पान वेशभूषा रीति रिवाज.
Answers
तिब्बत के लोगों का रहन सहन खान पान वेशभूषा रीति रिवाज बहुत अलग था |
यहाँ के लोगों का धर्म बौद्ध धर्म की तिब्बती बौद्ध शाखा थी है तथा इनकी भाषा तिब्बती है।
तिब्बत का कानून व्यवस्था अच्छे दिन दयनीय थी| तिब्बत के समाज में छुआछूत, जाति-पाँति आदि कुप्रथाएँ नहीं थी। तिब्बती की औरतें परदा नहीं करती थीं।
तिब्बत के लोगों के खान पान पर्वतीय पशु याक के दूध से बना मक्खन, याक का मीट और जौ खास तौर पर देखा जाता है| तिब्बती लोग मोमोज़, याक का मीट और नूडल्स भी बड़े चाव से खाते हैं| तिब्बती लोग थुपका बड़ा पसंद करते है | यहां के लोग एक खास तरह की टोपियां भी पहनते हैं|
उस समय तिब्बती की जमीन जागीरदारों में बँटी थी सारे प्रबंध की देखभाल कोई भिक्षु करता था। वह भिक्षु जागीर के लोगों में राजा के समान सम्मान पाता था।
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ल्हासा की ओर पाठ के आधार पर बताइए कि तिब्बत का कानून व्यवस्था अच्छे दिन दयनीय थी|
Answer:
तिब्बत के लोगों साहसी और आशावादी होते हैं, तिब्बत के किसान जौ की फसल ज्यादा मात्रा में उगते थे, छोटे गावों में रहते हैं, और तिब्बत के लोग भोजन में मटन, बीफ और डायरी उत्पाद है।
Explanation:
तिब्बत के लोग निर्भीक होते हैं। और तिब्बत के लोग भेड़ चरा कर अपना जीवन यापन करते थे। तिब्बत के लोगों का भोजन मटन, बीफ और डायरी उत्पाद है, इनके यहां सब्जियां काम मात्रा में देखने को मिलती थी। और ज्यादातर चारागाह के क्षेत्र में लोग कच्चा मांस खाते हैं। यहां सबसे प्रसिद्ध माखन की चाय ,मीठी चाय और जौ की शराब, भुना हुआ जौ का आटा माखन है। यहां के लोग मनोरंजन में कुस्ती, घुड़दौड़ और रस्साकशी आदि में आनंद लेते थे। और यहां कई जातीय उत्सव भी होते थे।और यह गायक और नर्तक भी थे। और इनके वस्त्र मोटे, गर्म, कमर से चौड़े और लंबी आस्तीन के होते थे।
अतः सही है, तिब्बत के लोगों साहसी और आशावादी होते हैं।
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