तांबे के कीड़े एकांकी की व्याख्या
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ताँबे के कीड़े' में न कोई कथा है और न मंच विधान। मंच के नाम पर काला परदा और झुनझुना लिए हुए अनाउंसर स्त्री है। यह नाटक अजीब, शिथिल और गतिहीन लग सकता है। लेकिन एक बार नाटक का सूत्र हाथ में आने के बाद नाटक के अर्थ और प्रभाव से पाठक (और दर्शक) अछूता नहीं रहता।
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