तूफान का मनुष्य पर प्रभाव इस पर निबंध लिखिए
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जब बादल से बादल प्रदीप्त होते हैं तो आकाश अधिक या कम समान त्वरण से चमकता है । बादल से सतह का प्रदीपन दुर्लभ होता है । इसमें इमारतों में रखे विद्युत यंत्र फट जाते हैं । इससे जंगल में आग लग सकती है । जब अत्यधिक तापमान वृद्धि के दौरान प्रदीपन का आघात होता है तो वायु का विस्फोट होता है तथा गर्जना उत्पन्न होती है ।
क्योंकि ध्वनि की गति प्रकाश से कम होती है अतः यही कारण है कि बिजली गिरने की घटना के दौरान प्रकाश हम पहले देखते हैं तथा गर्जना बाद में सुनाई पडती है । मानसून के पहले या बाद में तड़ित झंझा के दौरान वर्षा होना व ओलावृद्धि होना महत्वपूर्ण मौसम संबंधी परिघटनाएँ है, जब वायु में पर्याप्त नमी नहीं होती, जैसाकि उत्तर-पश्चिमी भारत में होता है, तो आँधी (डस्ट स्टार्म) की घटना होती है ।
अंधी आदि के साथ तड़ित झंझा प्रायः अल्पकालिक होते हैं, किंतु कुछ अत्यंत प्रचंड व विध्वंसकारी होते हैं, जैसे बंगाल की काल बैशाखी आँधियाँ उत्तर-पश्चिम भारत में आती हैं । कुछ तड़ित झंझाओं के साथ ओले भी गिरते हैं, विशेषतया उत्तरी व मध्य भारत में तथा कभी-कभी आंतरिक प्रायद्वीपीय भारत में । शीतकाल में ओलावृष्ठि की घटनाएं कम होती हैं तथा ज्यों-ज्यों ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है ओलावृष्टि की घटनाएँ बढ़ती जाती हैं । मानसून के दौरान (सामान्य वर्षा ऋतु) समस्त देश में ओलावृष्टि की घटनाएँ नहीं होती हैं ।