तंजावूर या हम्पी के वास्तुशिल्प के बारे में कुछ और जानकारी प्राप्त करें और इन नगरों के मंदिरों तथा अन्य भवनों के चित्रों की सहायता से एक स्क्रैपबुक तैयार करें।
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तंजावूर के वास्तुशिल्प के बारे में कुछ जानकारी :
तंजावुर चोलों की राजधानी थी। यह एक प्रशासनिक शहर था। यह कावेरी के तट पर स्थित है। राजाराजेश्वर मंदिर (राजाराजा चोल द्वारा निर्मित) इस शहर में है। कुंजारामलाल राजराजा इस मंदिर के वास्तुकार थे। मंदिर के अलावा; इस शहर में मंडप वाले महल मौजूद हैं। इन मंडपों में राजाओं का दरबार होता था। सेना के लिए बैरक भी शहर में मौजूद थे। तंजावूर नगर को जल की आपूर्ति कुआं तालाबों से की जाती थी।
तंजावूर के समीप उरेयूर के सालीय बुनकर मंदिर के लिए झंडे झाड़ियां बनाने का कपड़ा तैयार करते थे । वे राजा तथा अभिजात वर्ग की जरूरत के लिए अच्छी किस्म का सूती वस्त्र तैयार करते थे । जनसाधारण की आवश्यकता के लिए मोटा सूती वस्त्र होता था । इसके अतिरिक्त स्वामीमलाई के लिए शिल्पी कांस्य की सुंदर मूर्तियां तथा घंटा धातु के लंबे दीप बनाते थे जो बहुत ही आकर्षक लगते थे।
छात्र स्वयं इन नगरों के मंदिरों तथा अन्य भवनों के चित्रों की सहायता से एक स्क्रैपबुक तैयार करें।
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पंजाबी आंटी के वास्तुशिल्प के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त करें कि नगरों के मध्य तथा अन्य भवन के चित्रों की सहायता से एक रिपोर्ट तैयार करें