Science, asked by rohitkumar14010gmale, 5 months ago

तिक जीवन की उपायुप्त उपाध्यमो की
उपमुफ्त उदाहरण
सहायता
से ऊष्मीच
कद्वारा स्पष्ट कीजिए।
सार प्रकारका
रिख​

Answers

Answered by iTzRiYaNsH
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Answer:

तैत्तिरीयोपनिषद कृष्ण यजुर्वेदीय शाखा के अन्तर्गत एक उपनिषद है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण प्राचीनतम दस उपनिषदों में से एक है। यह शिक्षावल्ली, ब्रह्मानंदवल्ली और भृगुवल्ली इन तीन खंडों में विभक्त है - कुल ५३ मंत्र हैं जो ४० अनुवाकों में व्यवस्थित है। शिक्षावल्ली को सांहिती उपनिषद् एवं ब्रह्मानंदवल्ली और भृगुवल्ली को वरुण के प्रवर्तक होने से वारुणी उपनिषद् या विद्या भी कहते हैं। तैत्तरीय उपनिषद् कृष्ण यजुर्वेदीय तैत्तरीय आरण्यक का ७, ८, ९वाँ प्रपाठक है।

Answered by Anonymous
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Explanation:

भिक्षुक कविता महाप्राण निराला जी द्वारा लिखी गयी है . प्रस्तुत कविता में कवि एक भिखारी और उसके दो बच्चों की दयनीय अवस्था का वर्णन किया है . भिखारी से पेट और पीठ भुखमरी के कारण एक हो गए है . ... भिक्षुक की दीनता को देख कर कवि उनके प्रति अपनी सहानुभूति प्रकट करता है .

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