तुकांत सब्द किसे कहते हैं?
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Explanation:
जब किसी किसी पद्य या कविता की पंक्ति का आख़िरी अक्षर की मात्रा सभी पंक्तियों में समान होती है तो उसे तुकान्त कहते हैं ।जैसे
सोहतहै चंदवा सिर मोर कौ ,तैसिहि सुंदर पाग कसी है ।
तैसिहि गो-रज भाल विराजत ,जैसी हिय वनमाल लसी है ।
रसखान विलोकत बौरी भई ,दृग मूँद के ग्वारि पुकार हँसी है ।
खोलौ री घूँघट ,खोलौं कहा? वह मूरत नैनन मॉंझ बसी है ।
इसमें सी शब्द तुकॉंत है ।
Answer:
जब किसी किसी पद्य या कविता की पंक्ति का आख़िरी अक्षर की मात्रा सभी पंक्तियों में समान होती है तो उसे तुकान्त कहते हैं ।जैसे
सोहतहै चंदवा सिर मोर कौ ,तैसिहि सुंदर पाग कसी है ।
तैसिहि गो-रज भाल विराजत ,जैसी हिय वनमाल लसी है ।
रसखान विलोकत बौरी भई ,दृग मूँद के ग्वारि पुकार हँसी है ।
खोलौ री घूँघट ,खोलौं कहा? वह मूरत नैनन मॉंझ बसी है ।
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