तालाबंदी के बाद कार्य संस्कृति में क्या बदलाव आएगा ...... in hindi essay 500 words
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21 दिनों के लिए पूरे देश को लॉकडाउन रहने का आदेश दिया।[1] इस निर्णय से पहले 22 मार्च को 14 घंटों के जनता कर्फ्यू किया गया था।[2][3]14 अप्रैल सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए लॉकडाउन की अवधि को आगे बढ़ाकर 3 मई करने का फैसला लिया और कहा कि अगले एक हफ्ते नियम और सख्त होंगे।[4] साथ ही मोदी ने कहा कि जहां नए मामले सामने नहीं आएंगे वहाँ कुछ छूट दी जाएगी।[5]
भारत में कोरोनावायरस से लॉकडाउन 2020
2019–20 कोरोनावायरस महामारी का एक भाग
तिथी 25 मार्च 2020 – वर्तमान (3 मई 2020 तक बढ़ाया गया।)
जगह भारत
कारण २०२० भारत में कोरोनावायरस महामारी
लक्ष्य भारत में कोरोनावायरस के प्रकोप को रोकना
विधि * लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने से रोकें
अस्पतालों, बैंकों, किराने की दुकानों और अन्य आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर सभी गैर-आवश्यक सेवाएं और दुकानें बंद रहेगी
वाणिज्यिक और निजी संस्थानों को बंद करना (केवल घर से कार्य किया जा सकता है)
सभी शैक्षिक, प्रशिक्षण, अनुसंधान संस्थानों का निलंबन
सभी पूजा स्थलों को बंद करना
सभी गैर-जरूरी सार्वजनिक और निजी परिवहन का निलंबन
सभी सामाजिक, राजनीति, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक गतिविधियों पर निषेध
परिणाम 135.2 करोड़ भारतीय जनसंख्या संगरोध में
पृष्ठभूमि संपादित करें
मुख्य लेख: २०२० भारत में कोरोनावायरस महामारी
चित्र:PM Modi's address to the nation on vital aspects relating to COVID-19 menace.webmPlay media
लॉकडाउन करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करते हुए।
भारत सरकार ने केरल में 30 जनवरी 2020 को कोरोनावायरस के पहले मामले की पुष्टि की, जब वुहान के एक विश्वविद्यालय में पढ़ रहा छात्र भारत लौटा था।[6] 22 मार्च तक भारत में कोविड-19 के पॉजिटिव मामलों की संख्या 500 तक थी है, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 मार्च को सभी नागरिकों को 22 मार्च रविवार को सुबह 7 से 9 बजे तक 'जनता कर्फ्यू' करने को कहा था।[7] मोदी ने कहा था: "जनता कर्फ्यू कोविड-19 के खिलाफ एक लंबी लड़ाई की शुरुआत है"। दूसरी बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए, 24 मार्च को, उन्होंने 21 दिनों की अवधि के लिए, उस दिन की मध्यरात्रि से देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की।[8] उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस के प्रसार को नियंत्रित करने का एकमात्र समाधान सामाजिक दूरी है।[9] उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन जनता कर्फ्यू की तुलना में सख्त लागू किया जाएगा।[10]
रोक संपादित करें
लॉकडाउन के दौरान लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना निषेध किया गया है।[10] सभी परिवहन सेवाओं - सड़क, वायु, और रेल को निलंबित किया गया है हालांकि आग, पुलिस, जरूरी सामान और आपातकालीन सेवाओं का उपयोग किया जा सकेगा।[11] शैक्षिक संस्थानों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों और आतिथ्य सेवाओं को भी निलंबित कर दिया गया।[11] खाद्य दुकानें, बैंक और एटीएम, पेट्रोल पंप, अन्य आवश्यक वस्तुएं और उनके विनिर्माण जैसी सेवाओं को छूट दी गई है।[12] गृह मंत्रालय ने कहा कि जो व्यक्ति लॉकडाउन का पालन नहीं करेंगे उन्हें एक साल तक की जेल भी की जा सकती है।[11]
पीएम मोदी जी ने जनता से कही ये 7 बातें
अपने घर के बूढ़े-बुजुर्गों का ख्याल रखें।
गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें।
अपनी इम्युनिटी बढ़ाएं इसके लिए आयुष मंत्रालय द्वारा दिये गए दिशा-निर्देशों का पालन करें।
आयुष ऐप जरुर डाउन लोड करें और दूसरों को भी करवाए।
जितना हो सके उतना गरीब परिवार की मदद करें उनके लिए भोजन की व्यवस्था करें।
आप अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम करने वाले लोगों के प्रति संवेदना दिखाए, किसी को भी नौकरी से न निकालें
देश के कोरोना योद्धाओं, हमारे डॉक्टर- नर्सेस, सफाई कर्मी, पुलिसकर्मी इन सभी का पूरा सम्मान करें।
वृत्तांत संपादित करें
लॉकडाउन के पहले दिन, लगभग सभी सेवाओं और कारखानों को निलंबित कर दिया गया था।[13] काफी जगह लोग आवश्यक सामान स्टॉक करते देखे गए।[14] साथ ही जिन लॉकडाउन के दौरान लोगों को मानदंडों