Hindi, asked by laxmanshetty7654, 3 months ago

तालाबंदी के कारण वातावरण में क्या बदलाव आए है एक निबंद लिखिए

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Answered by Anonymous
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Explanation:

पर्यावरण में जो बदलाव हम आज देख रहे हैं क्या वो हमेशा के लिए स्थिर हो जाएंगे. जो गाड़ियां और फैक्टरियां आज बंद हैं अब वो धीरे-धीरे खुल रही हैं. दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में पहले जैसा जाम लगने लगा है यानि फिर से ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन.

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मनुष्य इस पृथ्वी पर रहने वाला एकमात्र ऐसा जीव है जो की पृथ्वी के तमाम संसाधनों का बेतरतीब तरीके से दोहन करता है. एक वक्त ऐसा था जब इस पृथ्वी पर इंसान तो थे लेकिन वे एकदम सीमित संख्य़ा और स्थान पर निवास करते थे जिसके कारण पृथ्वी का समन्वय बना हुआ था परन्तु समय के साथ खेती की खोज हुयी और मनुष्यों ने एक स्थान पर रहना शुरू कर दिया और उद्योगों आदि की स्थापना की. विभिन्न धातुओं के खोज के साथ ही मनुष्य की महत्वाकांक्षा बढती चली गयी और मनुष्यों ने पृथ्वी का दोहन शुरू किया. इसी दोहन के कारण मौसम के कई परिवर्तन आये जिसने हजारों बीमारियों को जन्म दिया इन्ही बीमारियों ने महामारी का रूप ले लिया. उद्योगीकरण और वैश्वीकरण ने खाद्य से लेकर जल तक को अशुद्ध कर दिया जिसने बीमारियों को निमंत्रण देने का कार्य किया.

लॉकडाउन के दुष्प्रभाव

पिछले चार महीनों में हमारी दुनिया एकदम बदल गई है. हज़ारों लोगों की जान चली गई. लाखों लोग बीमार पड़े हुए हैं. इन सब पर एक नए कोरोना वायरस का क़हर टूटा है. और, जो लोग इस वायरस के प्रकोप से बचे हुए हैं, उनका रहन सहन भी एकदम बदल गया है. ये वायरस दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में पहली बार सामने आया था. उसके बाद से दुनिया में सब कुछ उलट पुलट हो गया.

वर्तमान समय में कोरोना ने पूरे विश्व भर में एक अत्यंत ही घातक महामारी का रूप ले लिया है. कोरोना वायरस के चलते पूरी दुनिया में लंबे समय तक लॉकडाउन रहा. इसके चलते प्रकृति में मनुष्‍य का दख़ल एकदम बंद हो गया. नतीजा, प्रकृति खुलकर, निखरकर अपने नैसर्गिक स्‍वरूप में आ गई. कोरोना वायरस से मानवता को जरूर बड़ा नुकसान हुआ है लेकिन पर्यावरण पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है.

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