तालाबंदी के दौरान घर पर रहने के अपने अनुभव को 80- 100 शब्दों में लिखें |
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लॉकडाउन एक ऐसी आपातकालीन स्थिति को कहते हैं जब आप घर से बाहर नहीं जा सकते। यह भी जरुरी नहीं की आप घर पर ही हों अर्थात जहाँ भी हों, इसके लागू होने के बाद आप कहीं बहार नहीं जा सकते। और यही लॉकडाउन में जब वृहद स्तर पर होता है तो यह कर्फ्यू का रूप ले लेता है।
भरता के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने मार्च के महीने में 24 तारीख को 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की। मोदी जी द्वारा उठाया गया यह एक ऐतिहासिक कदम था और उन्होंने ऐसा कोरोना नामक महामारी से देश को बचाने के लिये किया।
लॉकडाउन का प्रभाव
लॉकडाउन के प्रभाव बहुत गहरे होते हैं, क्यों की यह किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को डगमगा देता है। जब हम काम पर जाते हैं, तभी देश आगे बढ़ता है और जब देश के सारे फैक्ट्री बंद हो जायेंगे, सब घर पर बैठ जायेंगे तो देश का विकास भी रुक जाता है और इससे अर्थव्यवस्था को भारी क्षति पहुँचती है।
लॉकडाउन से देश के जी.डी.पी., विकास दर, सब में कमी आ जाती है और यह किसी के लिये ठीक नहीं। हम दूसरे देशों की अपेक्षा कई वर्ष पीछे जा सकते हैं। परंतु जीवन से बढ़ कर शयद कुछ भी नहीं और ये हमारे नेता भी समझते हैं और हमारे हित में ही इस कदम को उठाया।
छोटे मजदूर, महिलाएं, दिहाड़ी पर काम करने वाले लोग, इस लॉकडाउन से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। उनकी स्थिति कुछ ऐसी है की वे घर में रहे तो बिना खाए मर जाते और बहार रहें तो इस महामारी से।
निष्कर्ष
देश एक बड़ी ही दयनीय स्थिति से गुजर रहा है और आने वाले कई महीनों तक इसके प्रभाव देखने को मिल सकता है। इसलिए सतर्क रहें और कोरोना से लड़ने में अपनी अहम भूमिका निभाते रहें और लॉकडाउन से देश को उबरने में अपना पूरा सहयोग दें।
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Explanation:
लॉकडाउन अर्थात तालाबंदी। इसके तहत सभी को अपने-अपने घरों में रहने की सलाह दी गई है जिसका सरकार की तरफ से कड़ाई से पालन भी करवाया जा रहा है। यह इसलिए जरूरी है, क्योंकि कोरोना वायरस नामक महामारी मानव जाति के इतिहास में पहली बार आई है।
अब पूरा देश इस वायरस से लड़ने के लिए अपने-अपने घरों में कैद हो गया है। इस महामारी के प्रकोप से लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और इससे बचने का सिर्फ एक ही रास्ता है और वो है सोशल डिस्टेंसिग यानी कि सामाजिक दूरी। यह संक्रमण एक से दूसरे इंसान तक बहुत तेजी से फैलता है जिसके कारण भारत सरकार ने लॉकडाउन को ही इससे बचने के लिए आवश्यक कहा है।