तालाबंदी के वातावरण पर क्या प्रभाव पड़े इस विषय पर निबंध लिखिए
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वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए पूरे देश में पिछले वर्ष इस वक्त कुछ राज्यों में पूर्ण तालाबंदी की घोषणा की गई । विद्यालय, बाजार, सिनेमाघर, भोजनालय, कार्यालय मंदिर में जाने पर प्रतिबंध, सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक और कई जगहों पर भारत की केंद्र से लेकर राज्य सरकारें ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के तालाबंदी की गई। जिसका हमारे देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा किंतु यह हमारी प्रकृति के लिए वरदान साबित हुई। जैसे-जैसे मनुष्य घरों में बंद होता गया, वैसे-वैसे प्रकृति के पशु- पक्षी जंगलों से बाहर आते गए।कई जगहों पर जंगली पशु सड़कों पर घूमते नजर आए। प्रकृति का ध्वनि- प्रदूषण ,वायु- प्रदूषण, भूमि- प्रदूषण कम हो गया क्योंकि मनुष्य द्वारा सड़कों पर चलने वाली गाड़ियां लोगों की भीड़ जैसे-जैसे कम होती गई वैसे-वैसे प्रकृति की हालत सुधरती गई। नदियों का पानी स्वच्छ हो गया साफ हो गया और जगह-जगह से प्रदूषण कम हो गया। चिड़ियों की चहचहाहट जो सुनाई देना बंद हो गई थी वह सुनाई देने लगी ।पक्षी स्वच्छंद रूप से आकाश में घूमने लगे। साथ ही साथ प्राकृतिक पार्कों में जहां मनुष्य नहीं जा सकते थे वहाॅ पक्षियों का बसेरा हो गया। प्रकृति को मनुष्य ने साथ क्षत- विक्षत कर दिया था और इस तालाबंदी के दौरान प्रकृति ने अपने घावों को फिर से भरना शुरू किया।इसके अलावा कुछ लोग जो कभी भी अपने काम से अवकाश नहीं लेते थे उनको परिवार के साथ वक्त बिताने का भरपूर अवसर मिला और मानसिक अवसाद की स्थिति से छुटकारा भी मिला। इस प्रकार इस तालाबंदी से जो लोग अपने कार्य में व्यस्त हो कर जो अपने आसपास के वातावरण को भूल गए थे उन लोगों को उस वातावरण को नजदीक से देखने समझने का और अपनों के साथ समय बिताने का अवसर मिला।
Explanation:
निबंध की दृष्टि से देखा जाए तो इसमें कुछ ना कुछ कमी रह गई है। इसमें अतिरिक्त बातें आप अपनी तरफ से भी जोड़ कर लिख सकते हैं।
plese mark me as brainlist..