Hindi, asked by alphagamersushanth, 4 days ago

तेलंगाना राज्य में जल संचयन के पारंपरिक तरीके

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Answered by likhitaryanp10
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जब विषैले पदार्थ झीलों, सरिताओं, नदियों, समुद्रों और अन्य जलाशयों में प्रवेश करते हैं, वे जल में घुल जाते हैं अथवा जल में निलंबित हो जाते हैं। इससे जल प्रदूषण बढ़ता है और जल के गुणों में कमी आने से जलीय तंत्र (aquatic system) प्रभावित होते हैं। कभी-कभी प्रदूषक नीचे तक पहुँच जाते हैं और भौम जल को प्रदूषित करते हैं।

Answered by anchisaSingh
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Explanation:

कालेश्वरम, दुनिया की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है।

पांचवे इंटरनेशनल योगा दिवस के मौके पर तेलंगाना में देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना का उद्घाटन किया गया। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने संयुक्त रूप से तेलंगाना के मेडिगड्डा में बने कालेश्वरम गोदवारी लिफ्ट सिंचाई परियोजना का उद्घाटन किया।

तेलंगाना ने इस परियोजना को रिकाॅर्ड गति से पूरा किया। इस परियोजना से तेलंगाना की सूरत बदल जाएगी और विकास को गति मिलेगी। बता दें कि तेलंगाना एक ऐसा राज्य है, जिसे गोदावरी जैसी समृद्ध होने के बावजूद पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा था। आंध्र प्रदेश से अलग राज्य की मांग के पीछे तेलंगाना के लोगों के लिए पानी का संकट भी एक प्रमुख कारण था। आए दिन इस राज्य से आने वाली किसानों की आत्महत्या की वजह पानी का संकट रहा है। आपको बता दें कि फिलहाल अमेरिका की कोलोराडो लिफ्ट योजना, मिस्र की मानव निर्मित योजना दुनिया की बड़ी लिफ्ट योजना है।

तेलंगाना सरकार ने दावा किया है कि कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई स्कीम द्वारा ग्रेटर हैदराबाद शहर में प्रतिदिन एक करोड़ की आबादी को पेयजल की आपूर्ति होगी। राज्य में औद्योगिक उपयोग के लिए 16 टीएमसी पानी की सप्लाई की जा सकेगी। साथ ही इसका उपयोग हाईडेल पावर जनरेशन के लिए भी भी किया जाएगा। सरकार ने दावा किया है कि इससे तेलंगाना के हर परिवार को सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति के लिए मिशन भागीरथ के जरिए 40 टीएमसी पानी की आपूर्ति होगी।

क्या है योजना?

यह परियोजना मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) के 60 प्रतिशत और भेल (बीएचईल) के 40 प्रतिशत के सहयोग से महज तीन तीन साल में तैयार हुई है। एमईआईएल के निदेशक श्रीनिवास रेड्डी के मुताबिक, तेलंगाना की भौगोलिक स्थिति की वजह से गोदावरी सहित कई नदियों के होने के बावजूद इसके पानी का फायदा राज्य के लोगों को नहीं मिल पाता था। दरअसल, गोदावरी नदी समुद्र तट से सौ मीटर ऊपर बहती है तो तेलंगाना गोदावरी से करीब 650 मीटर ऊपर स्थित है। इसी वजह से तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने गोदावरी नदी के पानी को लिफ्ट कराने की योजना बनाई है।

अनदेखे पहलू

गोदावरी नदी लगातार पंपिंग से भरी रहेगी और जिसकी वजह से गोदावरी के पानी को उपयोग में लाया जा सकेगा।

इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 80,190 करोड़ बताई जा रही है। जिसकी कुल लंबाई 1,832 किमी. होगी। इस टनल में 81 से ज्यादा पंपिंग स्टेशन बनाये जाएंगे। जो दुनिया में सबसे ज्यादा पपिंग स्टेशन होंगे, इनमें हमेशा दो टीएमसी पानी बने रहेगा।

टीएमसी से पानी हर रोज लिफ्ट कर सकने वाला ‘कालेश्वरम’ विश्व का पहला प्रोजेक्ट होगा।

ये प्रोजेक्ट 45 लाख एकड़ भूमि और हजारों गांवों के पानी की जरूरतों को पूरा करेगा। माना जा रहा है कि 13 जिलों के 18 लाख एकड़ जमीन की सिंचाई हो सकेगी।

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