History, asked by dsavitri584, 9 months ago

तेल सरंक्षण पर निबंध प्रस्तावना सहित ​

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Answered by mahek6624
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Like and fellow me✌️♥️

Explanation:

दुनिया भर में तेल पर हाहाकार मचा हुआ है । आज की तारीख में तेल एक आवश्यक आवश्यकता में सुमार हो चुका है । विश्व के विभिन्न देश तेल क्षेत्रों पर अपने आधिपत्य जमाने में लगे हुए हैं । खाड़ी युद्ध इसके जीवंत उदाहरण है । हिंदी का एक कहावत है -' बिन पानी सब सून '। परंतु आज के परिपेक्ष में अगर ये कहा जाए कि, ' बिना तेल सब सून ' तो गलत नहीं होगा । आज जिस तरीके से दुनिया भर में तेल भंडार में कमी आ रही है, ये वाकई चिंतनीय है । दुनिया भर के तेल संगठन भी इसके लिए आज चिंता जताने लगे हैं, जो कभी तेल के अनुचित दोहन करते नहीं थकते थे । परंतु आज सभी को तेल संरक्षण के विषय में सचेत होना पड़ेगा ।

तेल विश्व का परिवहन ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है । इसके विकल्प की तलाश वर्षों से जारी है । वैज्ञानिक निरंतर तेल की इतर ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों की खोज में और अनुसंधान में दिन रात एक किये हुए । दुनिया के सभी देश तेल जैसे जीवाश्म ईधन पर लगभग पूरी तरह निर्भर है । जिस दिन ये तेल भंडार खत्म होगा, सारी दुनिया के कदम रूक से जाऐंगे । छोटे बड़े कल करखाने जो तेल के भरोसे चल रहे है, सब ठप पड़ जाऐंगे । दुनिया में आपातकाल स्थिति हो जाएगी । इस आपातकाल से निपटने के लिए हमारे पास अभी तक कोई ऊर्जा का विकल्प मौजूद नहीं है । अतः जरूरी है कि तेल का सभी देश मिल संरक्षण का प्रयास करे । तेल के अनुचित दोहन से बचा जाए ।

पूरी दुनिया को पता है कि तेल एक जीवाश्म ईधन है और यह हजारों वर्ष की प्रक्रिया के उपरांत बनता है । अर्थात् इसका समीत भंडार है जो एक न एक दिन खत्म हो जाएगी । जिस दिन ये भंडार खत्म होगा, दुनिया में तेल के लिए हाहाकार मच जाएगा, इसलिए जरूरी है कि तेल संरक्षण के प्रति जागरूक फैलाई जाए । ताकि तेल के महत्व और उसका अनुचित दोहन के विषय से लोगों को अवगत कराया जा सके । तेल के सीमित भंडार के बारे में व्यक्ति व्यक्ति को जानकारी होनी चाहिए, तभी जाकर तेल के भंडार को लम्बे समय के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है ।

तेल संरक्षण के प्रति दुनिया के विभिन्न देशों, तेल संगठन देशों, संयुक्त राष्ट्र संघ और विभिन्न समितियों को आगे आना ही होगा । तभी तेल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा ।

दुनिया के तेल संरक्षण हेतु; तेल से इतर ऊर्जा के स्रोत को हरसंभव प्रयोग करना होगा । उदाहरण के तौर पर - सोलर एनर्जी, पनबिजली, पवन ऊर्जा, समुद्री ऊर्जा, ताप ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा, गोबर गैस इत्यादि । साथ ही साथ जीवाश्म तेल के जगह पर जैविक तेल को जीवाश्म तेल की तरह उपयोग लाए जाने संबंधी शोध कार्य किया जाना चाहिए । इसके अलावे जितना अधिक से अधिक तेल पर से निर्भरता कम हो उतना ही अच्छा होगा ।

हम सभी आदतन आनावश्यक रूप से तेल का उपयोग करते है, जिस पर गौर करने की जरूरत है । उदाहरण के तौर पर हम अकेले दफ्तर या बाजार कार से चले जाते है, जबकि एक व्यक्ति का परिवहन कार्य मोटरसाइकिल से भी हो सकता है । परन्तु हम सब जाने-अनजाने अपने-अपने एस्टेटस मेंटेन करने हेतु तेल का दुरुपयोग करते हैं। इन छोटी छोटी बाते जो भविष्य में हमरी जिन्दगी की गति को रोकने में कारगर साबित होगी, उन पर गौर करने की आवश्यकता है ।

खुद के जीवन सुगम रखने के लिए, दुनिया को बचाने के लिए तेल संक्षरण अतिआवश्यक है । अतः हम सभी को मिलकर तेल संरक्षण करनी चाहिए, ताकि हमारी भावी पीढ़ी हमपे गर्व करे

Answered by SimrenLalwani
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प्रस्थवना : तेल पृथ्वी पर महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों में से एक है। तेल गहरे समुद्रों और समुद्रों से निकाला जाता है। तेल एक अक्षय ऊर्जा है जिसे सुधारने में लाखों साल लगते हैं। दुनिया में हर ऑटोमोबाइल ईंधन के माध्यम से काम करता है जिसे तेल से निकाला जाता है। हमें भविष्य में समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए तेल का संरक्षण करना चाहिए। हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए तेल रखना चाहिए।जब तेल का संरक्षण होगा तो पर्यावरण और जीवन बेहतर होगा।

उद्देश्य : हम कई तरह से तेल का इस्तेमाल करते हैं। जैसे, तेल का उपयोग परिष्कृत किया जाता है और भोजन में उपयोग किया जाता है, प्राकृतिक गैस को तेल से निकाला जाता है और पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन को तेल से निकाला जाता है। तेल के कई फायदे हैं। मशीनी चीजों में तेल को लुब्रिकेंट के रूप में उपयोग किया जाता है। तेल का उपयोग बालों, शरीर आदि पर अपोलि करने के लिए किया जाता है।

तेल के नुकसान भी हैं। तेल के अतिरिक्त उपयोग से पर्यावरण का क्षरण होता है। तेल की बीरिंग पर्यावरण में हानिकारक गैसों को छोड़ती है। ये गैसें पृथ्वी पर गर्मी बढ़ाती हैं। हम इसे ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं। ग्लोबल वार्मिंग के कई नुकसान हैं। जब धरती पर गर्मी बढ़ जाती है। ध्रुवों में बर्फ पिघलती है और महासागरों में जल स्तर बढ़ाती है। प्रदूषण से मानव शरीर में श्वसन संबंधी बीमारियां भी होती हैं। ये गैसें वनस्पतियों और जीवों को नष्ट कर सकती हैं।

उपसंहार : हम कई तरीकों का पालन करके तेल का संरक्षण कर सकते हैं। हमें वाहनों का उपयोग कम करना चाहिए। निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें। इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने की कोशिश करें जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। प्रदूषण को रोकने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाएं। वाहनों में प्रदूषण और माइलेज की अक्सर जाँच करें।

इस तरह, हम तेल का संरक्षण कर सकते हैं। जब हम तेल का संरक्षण करेंगे तो हमारे पास बेहतर जीवन और पर्यावरण होगा।

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