टेलीविजन एवं रेडियो का जनसंचार में महत्व?
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रेडियो, सिनेमा, टेलीविजन, सूचना और खबरों के साथ जनसंचार माध्यमों के द्वारा लोगों का मनोरंजन भी होता है। विज्ञापन द्वारा रेडियो में राष्ट्रीय एकता तथा बचत की भावना पैदा की जा सकती है। करता है। नशाबन्दी, परिवार नियोजन, दहेज प्रथा आदि विषयों पर कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जाग्रत किया जाता है।
Answer:
रेडियो एवं टीवी पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम ने देश में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया उद्योग की श्रमशक्ति से संबंधित आवश्यकताओं की पूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वरिष्ठ शिक्षाविदों और दीर्घ अनुभव रखने वाले वरिष्ठ मीडिया पेशेवरों के द्वारा विद्यार्थियों को अवधारणात्मक ज्ञान तथा व्यावसायिक कौशल प्रदान किया जाता है। इस पाठ्यक्रम की पाठ्यचर्या व्यावहारिक अभ्यास आधारित होती है और इसका उद्योग से गहरा संबंध होता है। इससे अन्य संस्थानों द्वारा संचालित ऐसे मीडिया पाठ्यक्रमों के मुकाबले में संस्थान के विद्यार्थियों को विशेष स्थान प्राप्त होता है। प्रमुख रेडियो और टीवी समाचार चैनलों के वरिष्ठ पेशेवरों को, संस्थान के विद्यार्थियों के कौशल को विकसित करने के लिए, नियमित रूप से आमंत्रित किया जाता है।
पाठ्यक्रम के उद्देश्य
सामाजिक विकास में संचार की अवधारणा, भूमिका और महत्व का गहन ज्ञान प्रदान करना।
विद्यार्थियों को पत्रकारिता की परम्पराओं और व्यवहार से परिचित कराना।
विद्यार्थियों को टीवी पत्रकारिता की कला और शिल्प का प्रशिक्षण देना तथा उन्हें कौशल और दक्षता से लैस करना ताकि वे टीवी चैनलों में पत्रकारिता और प्रोडक्शन से संबंधित कार्य कर सकें।
रेडियो पत्रकारिता, कार्यक्रम संचालन एवं निर्माण, तथा एफ.एम रेडियो स्टेशनों के प्रबंधन के कार्य का ज्ञान देना।
अद्यतन डिजीटल दृश्य श्रव्य एवं मल्टीमीडिया प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षण का विस्तृत ज्ञान प्रदान करना
पाठ्यचर्या
संचारः अवधारणा एवं प्रक्रिया
मीडिया कानून एवं आचार संहिता
मुद्रण पत्रकारिता
रेडियो पत्रकारिताः अवधारणा, प्रक्रिया एवं प्रोडक्शन
टीवी पत्रकारिताः अवधारणा एवं प्रक्रिया
टेलीविजन प्रोडक्शन एवं प्रबंधन
टेलीविजन समाचारः रिपोर्ट लेखन एवं संपादन
रेडियो समाचारः रिपोर्ट लेखन एवं संपादन
न्यू मीडिया
विज्ञापन/जनसंपर्क एवं कारपोरेट संचार