टेलीविजन के ऊपर अनुच्छेद
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इस दुनिया में हर किसी का जन्म होता है। तब चाहे वो पशु हो पक्षि हो, इंसान हो या फिर कोई मशीन ही क्यों ना हो। बस फर्क इतना होता है की पशु, पक्षी और इंसान का जन्म प्राकृतिक होता है और मशीन का जन्म मानव निर्मित होता है, जिसे हम अविष्कार भी कहते हैं।
इसलिए टेलीविजन यह मानव निर्मित एक अविष्कार है। जिसका जन्म साल 1927 में हुआ था और इस टेक्नोलॉजी को बनाने के पीछे तीन लोगों का नाम है उसमें सबसे पहले व्यक्ति है फिलो फार्नवर्थ और उनके साथ दो व्यक्ति और थे जिनका नाम था चार्ल्स जेंकींस और जॉन बिरद।
इस तंत्रज्ञान से लोगों का मनोरंजन होता है और यही इस टेक्नोलॉजी का मुख्य उद्देश्य है। इसलिए यही लोगों का मुख्य मनोरंजन का केंद्र बन चुका है जो हर घर में पाया जाता है।
इसकी मदद से घर बैठे ही लोगों को दुनिया भर की कई सारी चीजों के बारे में पता चलता है। इससे हम सभी को हमेशा नई चीजें सीखने को मिलती है। दूर दूर की घटनाओं के बारे में जानकारी मिलती है। बहुत सारी फिल्में देख सकते हैं।
बहुत सारे अलग-अलग प्रकार के कार्यक्रम देख सकते हैं। छोटे बच्चे कार्टून देख सकते हैं। दुनिया भर में हो रहे सभी घटनाओं के बारे में समाचार मिल सकते हैं। ऐसे ही इस तंत्रज्ञान का सभी लोगों को फायदा होता है।
इस दुनिया में विज्ञान और तंत्रज्ञान से बनी हुई हर एक चीज के फायदे भी होते हैं और नुकसान भी होते है। ऐसी कोई चीज नहीं है जिसके सिर्फ फायदे होते हैं और नुकसान नहीं होते उसके नुकसान भी होते हैं। वैसे ही टेलीविजन का फायदा भी है और नुकसान भी। इसके जितने ज्यादा फायदे है उतने ज्यादा नुकसान भी है। इसमें सबसे बड़ा नुकसान है आंखों की परेशानी।
आप अगर टीवी पूरा दिन देखेंगे तो आपके आंखों को तकलीफ हो सकती हैं। पूरा दिन टीवी देखने से आपको सर दर्द भी हो सकता है। दूसरा सबसे बड़ा नुकसान है बच्चे। आप सभी को पता है, की अगर बच्चे टीवी देखते हैं तो ज्यादातर कार्टून देखते हैं। लेकिन उसमें जो सीन होते हैं, वह सीन नकली होते है यह सिर्फ हमें पता होता है। लेकिन बच्चों को यह सीन सच्चे लगते हैं इसलिए बच्चे कार्टून को देखकर उनके जैसा करने की कोशिश करते है।
जैसे कि पहले के समय में जब बच्चे शक्तिमान की सीरियल देखते थे, तो उसमे शक्तिमान जैसे हवा में उड़ता था, वह बच्चों को बहुत ज्यादा पसंद आने लगा था और इसकी वजह से अपने देश के कई सारे बच्चों ने बिल्डिंग से कूद के अपनी जान दे दी। उन मासूम बच्चों को लगता था, कि हम भी अगर बिल्डिंग से कूद जाते हैं तो हम भी शक्तिमान की तरह हवा में उड़ सकते है। ऐसी बहुत सारी घटनाएं टीवी की वजह से हुई थी। यह भी एक बहुत बड़ा नुकसान ही था।
Answer:
टेलीविजन :
☯︎✈︎टेलीविजन को विज्ञान का एक अदभुत आविष्कार माना जाता है । इसको हिन्दी में दूरदर्शन कहा जाता है क्योंकि इसके द्वारा दूर की वस्तुओं के दर्शन होते हैं । दूरदर्शन पर दृश्यों को देखकर लगता है कि घटनाएँ दूर नहीं बल्कि आँखों के सामने घट रही हैं । जनता का मनोरंजन करने वाला तथा देश-दुनिया की खबर बताने वाला यह उपकरण आज बहुत लोकप्रिय हो गया है ।
☯︎✈︎टेलीविजन का आविष्कार वैज्ञानिक जे.एल.बेयर्ड ने किया था । शुरू-शुरू में इस पर केवल श्वेत-श्याम चित्र देखे जाते थे । अब इस पर रंग-बिरंगे चित्र भी देखे जा सकते हैं । लिया गया चित्र जिस रंग में है हमें वह चित्र उसी रंग में देखने को मिलता है । टेलीविजन पर कार्यक्रमों का प्रसारण इसके केन्द्र से होता है जो विभिन्न प्रसारण कर्त्ताओं द्वारा स्थान-स्थान पर बनाए गए हैं । इन केन्द्रों को स्टूडियो कहा जा सकता है । टेलीविजन पर कार्यक्रमों के प्रसारण में संचार उपग्रहों की मदद की जाती है । आजकल प्रसारण डिजिटल हो गए हैं जिससे दर्शकों को साफ-सुथरे चित्र देखने को मिलते हैं ।
☯︎✈︎टेलीविजन दर्शकों के लिए मनोरंजक कार्यक्रमों का एक बड़ा पैकेट लेकर आता है । दूसरे शब्दों में यह इतने तरह के मनोरंजक कार्यक्रमों को प्रस्तुत करता है कि दर्शक दुविधा में होते हैं कि किसे देखें और किसे छोड़ दें । यह दुविधा इसलिए कि पहले जहाँ एक ही चैनल सरकारी दूरदर्शन था वहीं अब सौ-दो सौ चैनल हैं । हर चैनल पर रात-दिन कुछ-न-कुछ चलता ही रहता है । कोई फिल्म दिखा रहा होता है तो कोई धारावाहिक । किसी पर मदारियों का खेल चल रहा है तो किसी पर नुक्कड़ शो । कोई सर्कस तो कोई जादू दिखा रहा है । किसी पर नाच-गाना चल रहा है तो किसी पर खेल का आँखों देखा हाल । समाचार सुनाने एवं दिखाने वाले भी कई चैनल हैं । एक ही खबर बार-बार सुनते-सुनते ऊब सी होने लगती है ।
☯︎✈︎टेलीविजन के आने से मनोरंजन की दुनिया में हलचल मच गई । जो लोग पहले सिनेमाघरों पर खिड़कीतोड़ भीड़ लगाते थे अब घर में टेलीविजन के सामने बैठकर फिल्मों का आनंद लेने लगे । बच्चों की तो चाँदी हो गई । वे कामिक्स के कार्टूनों से नजरें हटाकर टेलीविजन पर कार्टून धारावाहिक देखने लगे । गृहणियाँ दुपहरी में पड़ोसिनियों से मनोरंजक वार्ता छोड्कर टेलीविजन के सामने बैठकर सास-बहू की सीरियल देखने लगीं ।
☯︎✈︎छात्र एन.सी.इ.आर.टी. के शैक्षिक कार्यक्रमों को घर बैठे देखकर पाठ्य-क्रमों की समझ बढ़ाने लगे । बौद्धिक मिजाज के लोगों को मनोरंजक अंदाज में प्रस्तुत की गई खबरों के प्रति लौ लग गई । वृद्ध टेलीविजन के माध्यम से आध्यात्मिक जगत में पहुँच गए । उनकी धार्मिक आस्था मजबूत दिखाई देने लगी ।
☯︎✈︎तात्पर्य यह कि टेलीविजन पर हर कोई अपने लायक कार्यक्रमों को ढूँढ ही लेता है ।