तिलचट्टा जमीन पर चलता है दीवार पर चढ़ता है और vayu में उड़ता भी है वह कैसे संभव है स्पष्ट कीजिए
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¿ तिलचट्टा जमीन पर चलता है, दीवार पर चलता है और वायु में उड़ता भी है। यह कैसे संभव है? स्पष्ट कीजिए।
✎... तिलचट्टा जमीन पर चलता है, दीवार पर भी चलता है और वायु में भी उड़ता है। यह इसलिए संभव है, क्योंकि तिलचट्टे के 3 जोड़ी पैर होते हैं, जो इसको जमीन पर चलने में सहायता करते हैं। इसका शरीर कठोर होता है जो कंकाल द्वारा ढका होता है। तिलचट्टे का शरीर विभिन्न एककों की परस्पर संधियों द्वारा बनता है, जिसके कारण उसे चलने में सुविधा मिलती है।
तिलचट्टे के उड़ने का कारण यह होता है, क्योंकि इसके वक्ष से दो जोड़े पंख जुड़े होते हैं। जोकि आगे की तरफ से नुकीले और पिछली तरफ से चौड़े होते हैं।यह पंख तिलचट्टे को उड़ने में सहायता प्रदान करते हैं। तिलचट्टे की विशेष पेशियां उसे दीवार पर चलने में सहायता करती हैं और उसके पैर की पेशियों से जमीन पर चलने में सहायता करते हैं। उसके वक्ष की पेशियां तिलचट्टे को उड़ने के समय सहायता करती है और उसके पंखों को गति देती हैंं। यही कारण है फिर तिलचट्टा जमीन पर चलता है, दीवार पर भी चलता है और हवा में भी उड़ता है।
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