तिलक के स्वराज संबंधी विचारों को स्पष्ट कीजिए
Answers
Answered by
1
Explanation:
तिलक ने 1 अगस्त, 1920 को मुंबई में देह त्यागी थी और आज देश अपने इस महान राष्ट्रवादी सपूत की 100 वीं पुण्यतिथि मना रहा है। तिलक का मंतव्य सीधा,साफ़ और सपाट था – स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं उसे लेकर रहूँगा। इस अमर नारे ने उस दौर में प्रत्येक भारतवासी को गर्व, स्वाभिमान और एकता का प्रबल सन्देश दिया था,.
Similar questions