Sociology, asked by aman3008, 3 months ago

टेलरिज्म या इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग की व्यवस्था का आविष्कार किसने किया​

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Answered by Anonymous
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Explanation:

इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग का क्षेत्र कई मायनों में मैकेनिकल इंजीनियरिंग या सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र से मिलता-जुलता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इंजीनियरिंग की इस शाखा का दायरा काफी बड़ा है। छात्र इस क्षेत्र में बीटेक के अलावा आईटीआई से संबंधित ट्रेड में डिप्लोमा करके भी प्रवेश कर सकते हैं। इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के छात्रों को देश के औद्योगिक प्रतिष्ठान अनेक पदों पर नियुक्त करते हैं। मसलन, इंडस्ट्रियल सेफ्टी इंचार्ज, इंडस्ट्रियल सिस्टम्स इंजीनियर, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन मैनेजर, इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग टेक्नीशियन इत्यादि। इन्हें किसी उद्योग के लॉजिस्टिक्स, सप्लाई चेन व मैन्युफैक्चरिंग जैसे विभागों में मौके मिलते हैं।

हम अपने आसपास जो भी सामान या सेवाएं देखते हैं, फिर वह चाहे कार, मोबाइल, घड़ियां बनाना हो, सभी में इस ट्रेड के पेशेवरों का योगदान होता है। इसका मतलब यह नहीं कि यहां सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी नौकरियां ही हैं। पेशेवर अपने स्किल को बढ़ाते हुए कंसल्टेंट, एनालिस्ट जैसी जिम्मेदारियां भी संभाल सकते हैं। इस ट्रेड की खास बात यह है कि इसमें कुशल युवाओं को व्यवसाय या गैर-तकनीकी क्षेत्रों में भी भरपूर नौकरियों के अवसर मिलते हैं। यहां इंजीनियरिंग के दूसरे ट्रेड्स के मुकाबले पेशेवरों को भारी-भरकम प्रोग्रामिंग नहीं करनी पड़ती है। बावजूद इसके ‘एयरवॉच', ‘ओम पार्टनर्स' जैसी कई सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी कंपनियां हैं, जो इंडस्ट्रियल इंजीनियर्स को मौके देती हैं।

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Answered by QueenGayatri
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अट्ठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध तथा उन्नीसवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में कुछ पश्चिमी देशों के तकनीकी, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक स्थिति में काफी बड़ा बदलाव आया। इसे ही औद्योगिक क्रान्ति (Industrial Revolution) के नाम से जाना जाता है। यह सिलसिला प्रारम्भ होकर पूरे विश्व में फैल गया। "औद्योगिक क्रांति" शब्द का इस संदर्भ में उपयोग सबसे पहले आरनोल्ड टायनबी ने अपनी पुस्तक "लेक्चर्स ऑन दि इंड्स्ट्रियल रिवोल्यूशन इन इंग्लैंड" में सन् 1844 में किया।[1]

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